यह AI टूल है बड़ा कमाल, आपके सपनों को कर देगा साकार, जानें कैसे करता है काम

HALO AI हेडबैंड में कई सेंसर लगे हुए हैं जो आपके मस्तिष्क की गतिविधि को मापता हैं. इसके बाद मापे गए इस डेटा का विश्लेषण एआई एल्गोरिदम द्वारा किया जाता है जो आपके मस्तिष्क की स्थिति को जानता है.

By Vikash Kumar Upadhyay | February 6, 2024 6:25 PM
an image

इनदिनों एआई इतना आगे आ चुका है कि आप अनुमान भी नहीं लगा सकते हैं कि आगे एआई के क्षेत्र में क्या कुछ होगा. खैर ये सब छोड़िए, अगर हम आपको बताए की अब आप अपने ड्रीम बोले तो सोते वक्त जो सपना आप देखते है, उसे कंट्रोल कर सकते हैं, तो आप दंग रह जाएंगे. लेकिन यह सच है. हाल ही में एक कंपनी नें ऐसे एआई बेस्ड हेडसेट को लाई है, जिसके जरिए अब आफ अपने ड्रीम को भी कंट्रोल कर सकते है. दरअसल इस नए टूल का नाम हेलो एआई हेडबैंड है. आइये जानते है HALO AI हेडबैंड क्या है और कैसे काम करता है.

HALO AI हेडबैंड

हेलो एआई हेडबैंड एक टूल है जो आपके मस्तिष्क की गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए एआई का उपयोग करता है. इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है. जैसे आपका फोकस सुधारने और तनाव कम करने में आपकी मदद कर सकता है. यह आपके दिमाग में चल रही चीजों को देखता है और आपको आदेश देता है कि आप कितना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इसके साथ ही हेलो हेडबैंड आपको बेहतर नींद में मदद कर सकता है. यह टूल आपको यह भी बताता आपको बताता है कि आप कब सोने के लिए तैयार हैं और आपको कब जागना चाहिए.

Also Read: Google लाया LUMIERE AI मॉडल, अब चुटकियों में टेक्स्ट से बना पाएंगे वीडियो
कैसे काम करता है हेडबैंड

HALO AI हेडबैंड में कई सेंसर लगे हुए हैं जो आपके मस्तिष्क की गतिविधि को मापता हैं. इसके बाद मापे गए इस डेटा का विश्लेषण एआई एल्गोरिदम द्वारा किया जाता है जो आपके मस्तिष्क की स्थिति को जानता है. आपको बता दे कि आपकी पूरी जानकारी आपको एक ऐप के जरिए मुहैया कराई जाएगी. यह एआई टूल आपकी गतिविधि को ट्रैक करने करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है.

Also Read: ChatGPT पर यूजर ने लगाया डेटा लीक करने का आरोप, OpenAI ने दिया जवाब ; आपकी सतर्कता जरूरी

यह टूल अवचेतन मन की गहराइयों को अनलॉक करने के लिए, पल्स नियंत्रण और अन्य परिष्कृत सुविधाओं के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड तकनीक की शक्ति का उपयोग करके संचालित होता है. सुस्पष्ट स्वप्न देखना, एक ऐसी अवस्था जहां व्यक्तियों को सोते समय सपने में होने का एहसास होता है, इसे पहनने योग्य न्यूरोटेक गैजेट के माध्यम से सुलभ हो जाता है. प्रोफेटिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, हेलो का मॉर्फियस-1 सिस्टम बहु-तत्व केंद्रित अल्ट्रासाउंड और जेनरेटिव 3डी स्थानिक पल्स नियंत्रण जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करता है. एफएमआरआई प्रशिक्षण और इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी) सेंसर से डेटा को एकीकृत करके, डिवाइस प्राकृतिक स्पष्ट सपनों को प्रतिबिंबित करने वाले तंत्रिका सक्रियण अनुक्रम पैटर्न उत्पन्न करता है.

Also Read: AI Magic: आपके बिजनेस में चार चांद लगा देंगे ये 5 टूल्स, दोगुनी हो जाएगी कमाई

Exit mobile version