बिहार के जमुई जिला की रहने वाली सीमा कुमारी दिव्यांग है. उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और देखते ही देखते सीमा की चर्चा पूरे देश में होने लगी. सीमा पढ़ लिखकर अपने इस संघर्ष भरे जीवन में कुछ मुकाम हासिल करना चाहती है. इसके लिए उसे मजबूरी में एक पैर के सहारे ही करीब 1 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था. वीडियो वायरल हुआ तो सरकार ने भी संज्ञान लिया. सीमा को अब कृत्रिम पैर लगा दिया गया है. इसे बनाया गया पड़ोसी जिला भागलपुर में. जानिये कैसे युद्धस्तर पर इसे तैयार किया गया.
खैरा प्रखंड क्षेत्र के फतेहपुर गांव निवासी दिव्यांग छात्रा सीमा कुमारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सरकार का ध्यान भी इस ओर गया. नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी कि स्थानीय डीएम को कहा गया है कि बच्ची को ट्राइसाइकिल मुहैया कराए. वहीं मंत्री ने शीघ्र-अतिशीघ्र कृत्रिम पैर के प्रत्यारोपण की भी बात कही. जिससे सीमा अपने दोनों पैरों पर चलकर स्कूल जाए.
सीमा के बारे में जब आम से लेकर सरकार के खास लोगों को जानकारी हुई तो डीएम खुद सीमा के घर गये. वहीं बिहार शिक्षा परियोजना के द्वारा संचालित कृत्रिम अंग निर्माण केंद्र में युद्धस्तर पर तैयारी करके सीमा का कृत्रिम पैर तैयार किया है.
Also Read: बिहार के जमुई की धरती में कब से छिपा है सोने का सबसे बड़ा भंडार? आज भी अलग रंग की माटी बताती है इतिहासमीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस कृत्रिम पैर को तैयार करने वाली टीम का कहना है कि 25 मई को यह जानकारी दी गयी कि सीमा के पैर को तैयार करना है और लगातार घंटों तक काम करके इसे तैयार कर दिया गया. सीमा के लिए यह कृत्रिम पैर अगले दिन 26 मई को ही जमुई भेज दिया गया था जिसे 27 मई को सीमा को लगाया गया. इस दिन सीमा अपने दोनों पैरों पर खड़ी थी.
बता दें कि भागलपुर स्थित इस कृत्रिम अंग निर्माण केंद्र में जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, मुंगेर, बेगूसराय व बांका जिले से जुड़े मामले के कृत्रिम अंग का निर्माण किया जाता है. सीमा के पैर को भी इसी केंद्र में तैयार किया गया था.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan