Hanuman Jayanti 2023 Date: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को संकटमोचन राम भक्त हनुमान का जन्म (Lord Hanuman Birth) हुआ था. इस बार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जा रही है. राम भक्त हनुमान की इस दिन विशेष पूजा अर्चना करने का विधान है. जानें हनुमान जी की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजा के विशेष नियम. मंत्र के साथ यह भी जान लें कि हनुमान जी की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. जानें क्या करें और क्या नहीं.
6 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन सुबह 06:06 से 07:40 के बीच में पूजा कर सकते हैं. उसके बाद आप दोपहर 12:24 से 01:58 के बीच भी पूजा कर सकते हैं. जो लोग शाम को पूजा करना चाहते हैं वे शाम को 05.07 से 08.07 के बीच कर सकते हैं.
हनुमान जयंती के दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है.
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हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चौमुखी दीपक जलाएं. इसके अलावा हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें.
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हनुमान जी की पूजा में गेंदे, हजारा, कनेर, गुलाब के फूल चढ़ाएं जबकि जूही, चमेली, चम्पा, बेला इत्यादि फूलों को चढ़ाने से परहेज करें.
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मालपुआ, लड्डू, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं.
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हनुमान जी की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं.
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दोपहर तक इस दिन कोई भी नमकीन चीज खाने से बचें.
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इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से शीघ्र मनोकामना की पूर्ति होती है.
1– ॐ तेजसे नम:
2– ॐ प्रसन्नात्मने नम:
3– ॐ शूराय नम:
4– ॐ शान्ताय नम:
5– ॐ मारुतात्मजाय नमः
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हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त को उस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
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हनुमान जी की पूजा करते समय काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचें.
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हनुमानजी की पूजा करते समय ब्रह्राचर्य व्रत का पालन करना चाहिए.
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हनुमान जयंती कर खंडित और टूटी हुई मूर्ति की पूजा न करें.
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पवनपुत्र हनुमान जी को हलुवा, गुड़ से बने लड्डू, बूंदी या बूंदी के लड्डू, पंच मेवा, डंठल वाला पान, केसर-भात और इमरती अत्यंत प्रिय हैं. इन मिष्ठानों का भोग लगाने से हनुमान जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं.