यूपी बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरे पर झलक रही थी खुशी, पेपर देने के बाद ये कहा…

परीक्षा देकर बाहर निकलते ही छात्रों ने एक दूसरे से प्रश्न पत्रों का मिलान करते हुए पेपर बढ़िया होने की खुशी सांझा की. यूपी बोर्ड की परीक्षा 24 मार्च से शुरू हो गई. पहली पाली की परीक्षा देकर निकले 10वीं के छात्र-छात्राओं के चेहरे पर दो साल बाद पेपर देने की खुशी देखने को मिली.

By Prabhat Khabar News Desk | March 24, 2022 11:39 PM

Varanasi News: यूपी बोर्ड की परीक्षा देकर बाहर निकले छात्र-छात्राओं के चेहरे पर खुशी के भाव देखने को मिले. सामान्यतः यूपी बोर्ड की परीक्षा देकर आते छात्रों के चेहरे पर उलझन देखने को मिलती हैं मगर इस बार ऐसा कोई भाव देखने को नहीं मिला. परीक्षा देकर बाहर निकलते ही छात्रों ने एक दूसरे से प्रश्न पत्रों का मिलान करते हुए पेपर बढ़िया होने की खुशी सांझा की. यूपी बोर्ड की परीक्षा 24 मार्च से शुरू हो गई. पहली पाली की परीक्षा देकर निकले 10वीं के छात्र-छात्राओं के चेहरे पर दो साल बाद पेपर देने की खुशी देखने को मिली. सबने कहा कि पेपर बहुत अच्छा हुवा सबकुछ पढ़ा ही आया था.

यूपी बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरे पर झलक रही थी खुशी, पेपर देने के बाद ये कहा... 4

परीक्षा केंद्र से बाहर निकलते गौरव वर्मा ने कहा कि पेपर बहुत अच्छा हुवा. दो साल बाद हमें पेपर देने का मौका मिला है. इसके पहले तो कोविड काल की वजह से पास कर दिये गए थे. जो पढ़कर गए थे प्रश्न उसमें से ही आये थे. अंदर नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए बहुत कड़ी व्यवस्था भी की गई थी. हर जगह सीसीटीवी लगा हुवा था. आदित्य सोनकर ने भी बताया कि पेपर बहुत अच्छा आया था. सबकुछ सिलेबस का पढ़ा हुआआ ही आया था. दो साल बाद हम लोगों को पेपर देने का मौका मिला है.

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बंगाली टोला इंटर कॉलेज वाराणसी के प्रिंसिपल डॉ जयप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि परीक्षा कराते वक्त सारी व्यवस्था सजग थी. छात्र भी बहुत सजग थे. हर जगह सीसीटीवी लगी थी. स्टैटिक मजिस्ट्रेट समेत पुरा कॉलेज स्टाफ मुस्तेद था. हमारे कॉलेज में 13 कमरों में परीक्षा थी और 28 कैमरा लगा था. बच्चों में भी पहली बार बोर्ड की परीक्षा देने को लेकर उत्साह दिख रहा था. नकल विहीन परीक्षा कराने को लेकर शिक्षा विभाग भी पूरी तरह से मुस्तैद दिखा. स्टैटिक मजिस्ट्रेट परीक्षा केंद्रों पर दौड़ते रहे और यूपी एसटीएफ के साथ ही एलआईयू भी अपने सोर्सेज के माध्यम से नकल के बारे में जानकारी लेती रही. वहीं, क्विंस कॉलेज में बने परीक्षा कंट्रोल रूम से परीक्षा केंद्रों पर निगरानी भी होती रही.

रिपोर्ट : विपिन सिंह

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