Happy Birthday Shibu Soren : झारखंड के पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के बचपन की कहानी, पढ़िए उनके सहपाठी की जुबानी
Happy Birthday Shibu Soren 2021, Ramgarh News, गोला (सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार) : दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पैतृक आवास गोला प्रखंड क्षेत्र के नेमरा गांव में है. इनका जन्म इसी गांव में हुआ था. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के सहपाठी रहे दुलमी प्रखंड के कुरुम निवासी जयनारायण सिंह (81 वर्ष) ने बताया कि शिबू सोरेन ने जब नामांकन करवाया था, उसी वर्ष उनका भी नामांकन हुआ था. इस कारण उनलोगों की जान पहचान हुई और फिर दोस्ती बढ़ी. वे साथ-साथ पढ़े और बोर्ड परीक्षा पास की. श्री सिंह ने बताया कि शिबू सोरेन पढ़ने में ठीक थे, लेकिन उन्हें खेलकूद में रुचि नहीं थी.
Happy Birthday Shibu Soren 2021, Ramgarh News, गोला (सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार) : दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पैतृक आवास गोला प्रखंड क्षेत्र के नेमरा गांव में है. इनका जन्म इसी गांव में हुआ था. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के सहपाठी रहे दुलमी प्रखंड के कुरुम निवासी जयनारायण सिंह (81 वर्ष) ने बताया कि शिबू सोरेन ने जब नामांकन करवाया था, उसी वर्ष उनका भी नामांकन हुआ था. इस कारण उनलोगों की जान पहचान हुई और फिर दोस्ती बढ़ी. वे साथ-साथ पढ़े और बोर्ड परीक्षा पास की. श्री सिंह ने बताया कि शिबू सोरेन पढ़ने में ठीक थे, लेकिन उन्हें खेलकूद में रुचि नहीं थी.
रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के नेमरा गांव से शिबू सोरेन की प्राथमिक शिक्षा पूरी हुई. इसके बाद वर्ष 1954 में गोला के यासीन खां हाई स्कूल (वर्तमान नाम : एसएस प्लस टू हाई स्कूल गोला) में छठी कक्षा में इनका दाखिला हुआ. उन्होंने यहां वर्ग छह से लेकर ग्यारहवीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद वर्ष 1960 में बिहार बोर्ड की परीक्षा दी.
बताया जाता है कि जब शिबू सोरेन जब गोला में पढ़ रहे थे, तो इनके पिता सोबरन सोरेन 27 नवंबर 1957 को इनसे मिल कर वापस लौट रहे थे. इसी बीच बरलंगा के लुकैयाटांड़ में घात लगा कर बैठे महाजनों ने सोबरन सोरेन की हत्या कर दी थी. सोबरन सोरेन शिक्षक थे. शिबू सोरेन के पिता सोबरन सोरेन ने महाजनी व सूदखोरी के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. जिसकी कीमत उन्हें अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी थी. इनकी याद में प्रतिवर्ष लुकैयाटांड़ में 27 नवंबर को सोबरन सोरेन का शहादत दिवस मनाया जाता है.
शिबू सोरेन ने अपने पिता के आदर्शों पर चलते हुए संघर्ष को आगे बढ़ाया और उन्होंने महाजनी और सूदखोरी प्रथा के खिलाफ बिगुल फूंकी. इसके अलावा उन्होंने कई आंदोलनों को खड़ा किया और धीरे-धीरे राजनीति में कदम रखा. उन्होंने 1973 में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया. इस तरह शिबू सोरेन झारखंड के अलावा पूरे देश में विख्यात हुए.
Posted By : Guru Swarup Mishra