Happy Christmas: 124 साल पुराने रामगढ़ के चितरपुर का संत पैट्रिक चर्च में जोरों पर है क्रिसमस की तैयारी
क्रिसमस की खुमारी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. चर्चों में भी तैयारियां अंतिम चरण में है. ईसाई समुदाय के लोगों में खास उत्साह अभी से देखने को मिल रहा है. रामगढ़ जिला का सबसे पुराना CNI संत पैट्रिक (पात्रिक) चर्च में भी क्रिसमस की तैयारियां अंतिम चरण में है.
Happy Christmas 2022: क्रिसमस सामने है. इसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. रामगढ़ जिला अंतर्गत चितरपुर स्थित CNI संत पैट्रिक (पात्रिक) चर्च का निर्माण 124 साल पहले किया गया था. बताया जाता है कि इस चर्च का निर्माण नौ अक्तूबर, 1898 को किया गया था. यह चर्च रामगढ़ जिला का सबसे पुराना चर्च है. जहां आजतक ईसाई धर्मावलंबी के लोग यहां प्रभु यीशु मसीह की आराधना करते आ रहे है. फिलहाल यहां क्रिसमस की तैयारी जोरों पर की जा रही है. 24 दिसंबर को शाम पांच आराधना एवं 25 दिसंबर को सुबह आठ बजे क्रिसमस पर्व को लेकर प्रार्थना की जायेगी. पर्व को लेकर ईसाई धर्मावलंबियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. इनके द्वारा बाजार में जोर-शोर से खरीदारी की जा रही है. वहीं, घरों की साफ-सफाई और सजावट का काम किया जा रहा है. साथ ही अलग-अलग वैरेटी के केक बनाये जा रहे हैं और पकवान की सूची तैयार की जा रही है.
संत पैट्रिक चर्च का इतिहास
डायसिस की पुस्तकों में निर्माण तिथि की चर्चा नहीं मिलती है, पर वहां के बपतिस्मा कुंड में लगे एक ताम्र पत्र में नौ अक्तूबर, 1898 की तिथि दर्ज है. यह ताम्र पत्र पंजाब केवेलरी (घुड़सवार सेना) के आर्चीबाल्ड जेएस टेलर आरए की स्मृति में लगवाया गया था. इसमें लिखा है कि परमेश्वर की महिमा में, उस बाड़े के प्रवेश द्वार के लिए, जहां जिवित जल एक जैसा बहता है, अंग्रेजों के लिए भी और भारतीयों के लिए भी. आर्चीबाल्ड जेएस टेलर आरए, पंजाब केवेलरी की पुण्य स्मृति में नौ अक्तूबर, 1898 में दिखाया गया है. चर्च का इतिहास इंग्लैंड के डब्लिन मिशन यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है. जबकि छोटानागपुर में एंग्लिकन कलीसिया की स्थापना 23 मार्च, 1890 को हुई थी. इसके प्रथम मिशनरी के रुप में रेव्ह जेसी व्हिटली 1860 में रांची पहुंचे थे. छोटानागपुर डायसिस की स्थापना के दो साल बाद 1892 में प्रथम बिशप के अनुरोध पर डब्लिन मिशन यूनिवर्सिटी के मिशनरी ने हजारीबाग को अपना केंद्र बनाया था. शुरू के दिनों में रामगढ़ मंडली के लोग घरों एवं डीयू मिशन स्कूल में आराधना करते थे. यहां पहला मसीही विवाह 1906 में हुआ था.
ब्रिटिश जमाने के पादरी भी रह चुके हैं
यहां रेव्ह सी फिंच, रेव्ह सीडब्ल्यू थॉमस (1910-1915), रेव्ह पीएस दान रेवन (1915-1923), रेव्ह जी हेम्ब्रम (1924-1945), रेव्ह ईडी सोय (1946-1954), एवं रेव्ह सीएन केरकेट्टा (1955-1960) शामिल थे. 1960 के बाद रामगढ़ पेरिश का केंद्र चितरपुर से रामगढ़ स्थानांतरण हो गया. फिलहाल रामगढ़ के पेरिश प्रीस्ट रेव्ह जीवन मसीह गुड़िया एवं रेव्ह मेरी मीना किशोरिया ही चितरपुर मंडली की देख-रेख कर रहे हैं.
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प्रभु सभी के दु:खों को दूर करेंगे : जीवन मसीह गुड़िया
इस संदर्भ में रामगढ़ के पेरिश प्रीस्ट रेव्ह जीवन मसीह गुड़िया ने कहा कि पिछले दो साल से लोग कोरोना के कारण क्रिसमस का उत्सव ठीक से नहीं मना पा रहे थे. इस बार प्रभु यीशु का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया जायेगा. प्रभु सभी के दु:खों को दूर करेंगे. रेव्ह मेरी मीना किशोरिया ने कहा कि प्रभु यीशु मसीह के जन्म दिन का हमलोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है. क्रिसमस के अवसर पर चर्च में चरनी सजायी जायेगी. प्रचारक लुकास पूर्ति एवं सरिता मुनी ने कहा कि क्रिसमस पर्व मानव जीवन को शांति और आपसी भाईचारगी का संदेश देता है. प्रभु यीशु मसीह सभी को खुशियां दें.
रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार, चितरपुर, रामगढ़.