Fathers Day 2020 : 21 जून को फादर्स डे है. दुनिया भर में योग दिवस का आयोजन 2015 से हर साल 21 जून को किया जाता रहा है. पहली बार इसका आयोजन डिजिटल होगा. इस साल योग दिवस की थीम ‘घर पर योग और परिवार के साथ योग’ है और लोग 21 जून को सुबह सात बजे इसमें डिजिटल माध्यम से भाग ले सकेंगे. टेलीविज़न के ये खास सितारे बता रहे हैं कि वे किस तरह से इस बार फादर्स डे को सेलिब्रेट करने वाले हैं. उर्मिला कोरी से बातचीत के प्रमुख अंश…
झलक देसाई– पापा से जुड़ी मेरी हर याद खास है.मुझे याद है जब मैं किंडरगार्डन में पढ़ती थी.पापा मुझे अपनी बाइक से लेने आते थे.दोपहर का वक़्त होता था तो बाइक की सीट थोड़ी गर्म हो जाती थी इसलिए पापा मुझे बिठाने से पहले हमेशा अपना रुमाल रखते थे और फिर उस पर मुझे बिठाते थे।इतना वह मेरा ख्याल रखते थे.जब भी मैं कोई गलती करती और मां से डांट पड़ने वाली होती थी तो मेरी मदद के लिए पापा ही होते थे.इस फादर्स पर मैंने तय किया है कि मैं पापा के लिए केक बेक करूंगी और उनका पसंदीदा खाना भी बनाउंगी.
इशिता दत्ता– लॉकडाउन की वजह से मैं अपनी माँ के साथ मुम्बई में हूं और मेरे भाई और पापा कोलकाता में है. हर साल फादर्स डे पर मैं और मेरा भाई फादर्स डे पर कुछ स्पेशल प्लान करते ही हैं लेकिन इस बार चाहकर भी कुछ नहीं कर पाए गए.हां मैंने अपने पापा को कुछ स्पेशल भेजूंगी ज़रूर. वैसे मुझे लगता है कि फादर्स डे के लिए कोई एक दिन नहीं होता है क्योंकि वो हमारे पिता ही होते हैं जो हमारी फैमिली को सुरक्षित और खुश रखने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं.
मनीषा रावत– मेरे पिता और मेरा बांड काफी गहरा है. हम एक दूसरे से कुछ भी छुपाते नहीं है.हम दोनों एक दूसरे के बेस्ट फ्रेंड हैं.मेरे पिता पेशे से साइंटिस्ट है लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी मर्जी मुझ पर नहीं थोपी.हमेशा मुझे कैरियर चुनने की आज़ादी दी. इस फादर्स डे को हम साथ में सेलिब्रेट नहीं कर पाएंगे.लॉकडाउन की वजह से मैं उत्तराखंड में हूं और पापा दिल्ली में है लेकिन हां फादर्स डे पर मैं उन्हें ज़रूर वीडियो कॉल करूंगी और वो कविता सुनाऊँगी.जो मैंने फादर्स डे पर स्पेशली लिखी है.
करन आनंद– मेरे और मेरे फादर के बीच का रिश्ता बेहद कमाल का है. वो जो पिता और पुत्र के बीच एक रिस्पेक्ट होती है ना ,वैसा रिश्ता है हमारा. हमारे बीच कोई दोस्ती जैसा रिश्ता नहीं है , जैसा की फिल्मो में दिखाते है या कुछ लोगो के घर में होता है. हम दोनों ही अलग अलग शहर में रहते है वे इलाहबाद में रहते है और मैं मुंबई में। तो मैं रोज़ उनके हाल चाल ले लेता हूँ और वो मेरे. इतने में ही वे खुश हो जाते है. लेकिन मैं इस बार कोशिश करूंगा कि मैं ज्यादा से ज्यादा उनके साथ समय बिताउ. इस फादर्स डे मेरी यह कोशिश रहेंगी कि मेरे अंदर की हिचकिचाहट निकाल कर उनसे खुल कर बात करुँ. मेरे फादर स्पोर्ट्स मैन रहे है उन्होंने इंडियन रेलवे के लिए तक़रीबन 16 साल तक हॉकी खेला है. तो एक स्पोर्ट्स मैन होने के नाते उन्होंने मुझे किसी भी काम को करने के लिए रोका नहीं है. उन्होंने मुझे सीख दी है कि हमेशा किसी भी चीज़ के लिए अलर्ट रहो और साथ ही हर हालत में लड़ने के लिए तैयार रहो.
सुमेध मुद्गलकर– मेरे पिता मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ रहे हैं. वह मेरे आइडल रहे हैं. मैं आज जो कुछ भी बन पाया हूं. उनकी मेहनत और सपोर्ट की वजह से. बहुत खुशी होती है जब मैं उनको मुझ पर प्राउड महसूस करते देखता हूं. वह दुनिया के सबसे अच्छे पिता है. मैं खुशनसीब हूं कि वो मेरी ज़िंदगी में हैं. फादर्स डे को मैं उनके साथ सेलिब्रेट नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मेरे सीरियल राधाकृष्ण की शूटिंग की तैयारियां उमरगांव में शुरू हो गयी हैं.
अनिरुद्ध दवे– मेरे पिता जयपुर में हैं और मैं मुम्बई में।अपने वर्क कमिटमेंट की वजह से मैं चाहकर भी जा नहीं सकता लेकिन मैं फ़ोन पर उनसे बात जरूर करूँगा. मैं उनके लिए एक खास गिफ्ट और एक चॉकलेट केक भी भेजने वाला हूं.मेरी तरह उन्हें भी चॉकलेट केक बहुत पसंद है.
Posted By: Budhmani Minj