जामताड़ा : प्रकृति और बाल हठ के आगे न तो आज तक किसी की चली है, न चलेगी. सोमवार को कोविड-19 अस्पताल में बाल हठ के आगे सारे प्रोटोकॉल को दरकिनार करना पड़ा. बच्चों की जिद के आगे डॉक्टर से लेकर सुरक्षाकर्मी तक को झुकना पड़ा और कोविड19 हॉस्पिटल में रक्षा बंधन का त्योहार मनाना पड़ा.
जामताड़ा जिला के कोविड19 हॉस्पिटल में 2 माह से 8-9 वर्ष तक के बच्चे आइसोलेट किये गये हैं. कुछ बच्चे कोरोना से संक्रमित हैं, तो कुछ बच्चों की मां संक्रमित हुई हैं. इसकी वजह से उन्हें कोविड-19 अस्पताल में रहना पड़ रहा है. राखी के दिन इन्हीं बच्चों ने राखी बांधने की जिद कर दी.
बच्चों की मां और सरकारी अधिकारियों ने उन्हें लाख समझाया, लेकिन बच्चे अपनी जिद पर अड़ गये. शोर मचाना शुरू कर दिया. वे तब तक शांत नहीं हुए, जब तक कि कोविड टीम ने उनके आगे सरेंडर नहीं कर दिया. हार मानकर कोविड वरियर्स को रक्षा बंधन की तैयारी करनी पड़ी.
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विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ दुर्गेश झा ने अस्पताल में रक्षा बंधन का त्योहार मनाने की तैयारी की. वहां मौजूद जितने भी कर्मी थे, उन सभी लोगों एवं आइसोलेट किये गये बच्चों को राखियां बांधी गयीं. संक्रमित मरीजों एवं सुरक्षाकर्मयों को भी कोविड19 अस्पताल की महिला कर्मी ने रक्षा सूत्र बांधा.
संक्रमित मरीजों में से जिनकी बहनें वहां थीं, वे कोविड-19 अस्पताल पहुंचीं. जिनकी बहनें नहीं पहुंच सकीं, उन्हें कोविड-19 अस्पताल में कार्यरत महिलाकर्मियों ने राखी बांधी. साथ ही कोविड अस्पताल में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल के जवानों को भी राखी बांधी गयी. परिवार से दूर कोरोना संक्रमित लोगों में इस दौरान गजब का उत्साह देखा गया.
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रक्षा बंधन के बाद बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गयी. इसके लिए सदर अस्पताल के एसएनसीयू की प्रभारी चिकित्सक डॉ कीर्ति झा को बुलाया गया था. डॉ कीर्ति झा ने कोविड अस्पताल में आइसोलेट किये गये सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच की. इस दौरान वह भी बच्चों के साथ राखी के त्योहार में शामिल हुईं और त्योहार का आनंद उठाया.
Posted By : Mithilesh Jha