Hariyali Teej 2021: हरियाली तीज आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री और इस व्रत से जुड़ी पूरी डिटेल्स…
Hariyali Teej Puja vidhi samagri list Live Update: हिंदू धर्म में सावन मास में पड़ने वाली हरियाली तीज का विशेष महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन करती हैं. आइये जानते है हरियाली तीज से जुड़ी पूरी जानकारी...
मुख्य बातें
Hariyali Teej Puja vidhi samagri list Live Update: हिंदू धर्म में सावन मास में पड़ने वाली हरियाली तीज का विशेष महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन करती हैं. आइये जानते है हरियाली तीज से जुड़ी पूरी जानकारी…
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व्रत के दौरान ये काम न करें
हरियाली तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को चाहिए कि इस दौरान वे किसी पर क्रोध न करें. व्रत के दौरान व्रती को लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि हरियाली तीज का व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है.
हरियाली तीज के दिन मेहंदी लगाने की प्रथा
हरियाली तीज के दिन महिलाओं के बीच मेहंदी लगाने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेहंदी लगाई थी. जिसके बाद माता पार्वती के हाथों में लगी मेहंदी को देखकर भगवान शिव काफी प्रसन्न हुए थे.
कुंवारी कन्याएं भी रखती है हरियाली तीज का व्रत
हरियाली तीज का व्रत कुंवारी कन्याएं भी रख सकती है. मान्यता है कि कुंवारी कन्याएं जब इस व्रत को रखती है तो उनके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती है. हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है. व्रत के दौरान पूरे 16 शृंगार करके भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है.
Hariyali Teej 2021 Vrat Katha: हरियाली तीज आज, पढ़े व्रत कथा और जानें क्या है पर्व की मान्यता
आज के दिन शिव और माता पार्वती का हुआ था मिलन
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. हरियाली तीज के दिन मां पार्वती को हरी साड़ी, हरी चूड़ियां और सुहाग का सामान अर्पित किया जाता है.
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अगस्त दिन मंगलवार की शाम 06 बजकर 11 मिनट से शुरू हो चुकी है. तृतीया तिथि 11 अगस्त 2021 दिन बुधवार की शाम 04 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी. सुबह 04 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 17 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा और दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजया मुहूर्त रहेगा. इस बार हरियाली तीज पर शिव योग नाम का बहुत ही शुभ योग भी बन रहा है. शिव योग को सभी प्रमुख योगों में से बहुत ही शुभ और सुख-संपदा देने वाला माना गया है.
संध्या काल में करें भगवान शिव और पार्वती की पूजा
हरियाली तीज व्रत धारण करने वाली सुहागिन महिलाएं पूरे दिन अन्न और जल का त्याग करती हैं और संध्या काल में भगवान शिव और पार्वती माता की विधि-पूर्वक पूजा कर पति की लम्बी आयु की कामना करती हैं.
व्रती महिलाओं को आज रात में सोने की नहीं है मान्यता
हरियाली तीज का व्रत रखने वाली महिलाएं इस दिन रात भर जागरण करती हैं. भगवान शिव और माता पार्वती के गीत गाती हैं और हरियाली तीज व्रत की कथा सुनती हैं.
जानें क्या है मान्यता
सुहागिन महिलाओं को यह व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करनी होती है, इस दिन 16 श्रृंगार का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि माता पार्वती ने शिवजी को प्राप्त करने के लिए 107 जन्म लिए थे. 108वें जन्म में कठोर तप से भगवान शिव को प्रसन्न किया. इसलिए यह व्रत करने से माता पार्वती प्रसन्न होकर पतियों को दीर्घायु और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखा जाता हैं. हरियाली तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना गया है. इस व्रत का विशेष पुण्य प्राप्त होता है. ये व्रत दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने के लिए किया जाता है.
Hariyali Teej Vrat 2021: हरियाली तीज आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत नियम
हरियाली तीज व्रत के नियम
हरियाली तीज का व्रत करते समय किसी पर भी क्रोध न करें.
इस दौरान दूसरों के प्रति मन में नकारात्मक विचार न लाएं.
व्रत के दौरान किसी का भी अपमान न करें.
व्रत के दौरान लड़ाई-झगड़े से दूर रहें.
शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत में दूध का सेवन न करें.
इस व्रत में जल पीने की मनाही होती है.
इसलिए नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को निर्जला ही रखें.
इस दौरान सोना नहीं चाहिए. इसके अलावा भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान और जाप कर सकते हैं.
हरियाली तीज पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान करें. फिर इस दिन मायके से आए हुए वस्त्र धारण करने की परंपरा है. हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार का भी विशेष महत्व है. पूजा शुरू करने से पहले एक चौकी पर मिट्टी में गंगा जल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं. इसके बाद एक थाली में सुहाग की सामग्री जिसमें बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी, नेल पॉलिश, अक्षत, धूप, दीप, गंधक आदि सजाकर अर्पित करें. भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए. भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.
इस दिन हरे रंग का होता है खास महत्व
हरियाली तीज के दिन हरि चूड़िया, हरे वस्त्र, 16 श्रृंगार और मेहंदी लगाने का विशेष महत्व होता है. हरियाली तीज के मौके पर नवविवाहित लड़की को मायके बुलाया जाता है. परंपरा के अनुसार, लड़की के ससुराल से मिठाई, वस्त्र और गहने आते हैं. इस दिन महिलाएं मिट्टी से शिव और पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजा करती है.
जानें कब है हरियाली तीज
हरियाली तीज का व्रत हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखी जाती है. मान्यता है कि इसी तिथि को ही माता पार्वती और भगवान शिव को दोबारा मिलन हुआ था. मान्यता है कि लड़कियां यह व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहा वर की प्राप्ति होती है. इस बार हरियाली तीज 11 अगस्त दिन बुधवार यानि कल है.
हरियाली तीज पूजन सामग्री
हरियाली तीज व्रत की पूजा के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्तियां लायें, आप चाहे तो काली मिट्टी से घर पर भी बना सकते है. पूजा के लिए पूजा चौकी, पीला वस्त्र, केला के पत्ते, जनेऊ, कच्चा सूत, नए वस्त्र, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, कपड़ा, एक जोड़ी जनेऊ/यज्ञोपवीत चाहिए. इसे भगवान शिव और गणेश जी को चढ़ाना होगा.
16 श्रृंगार पूजन सामग्री
मां पार्वती के लिए एक हरी साड़ी, सुहाग का सामान चाहिए. बिना 16 श्रृंगार के माता पार्वती की पूजा अधूरी मानी जायेगी. 16 श्रृंगार में सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, मेहंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, इत्र आदि शामिल होते हैं. इसके अलावा, कलश, अक्षत्, दूर्वा, तेल, घी, कपूर, अबीर, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, चीनी, शहद और पंचामृत चीजें भी हरियाली व्रत पूजा के लिए चाहिए.
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि 10 अगस्त 2021 को शाम 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 11 अगस्त 2021 को शाम 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी. 11 अगस्त दिन बुधवार को पूजा करने के लिए कुछ शुभ योग बन रहे हैं. पहला बृह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 24 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक है. वहीं, दूसरा विजया मुहूर्त में दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 7 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा, रवि योग भी बन रहा है. ये सुबह 10 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर रात तक रहेगा.