बर्मिंघम : राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 71 किग्रा भारोत्तोलन में नाटकीय उतार-चढ़ाव के बाद भारत की हरजिंदर कौर कांस्य पदक जीतने में सफल रही. उन्होंने इस उपलब्धि के बाद पीटीआई भाषा से कहा, पदक को लेकर आशान्वित नहीं थी लेकिन किस्मत पर भरोसा था कि कुछ अच्छा होगा. हरजिंदर को किस्मत का साथ मिला क्योंकि नाइजीरिया की स्वर्ण पदक जीतने की दावेदार जॉय एजे का क्लीन एवं जर्क श्रेणी में तीनों प्रयास असफल रहा.
हरजिंदर ने कुल 212 किग्रा (स्नैच में 93 और क्लीन एवं जर्क में 119) का वजन उठाया. फाइनल के करीबी मुकाबले में उन्हें किस्मत का साथ मिला. उन्होंने कहा, जब रजत पदक विजेता ने अपना प्रयास सफलतापूर्वक पूरा किया तो मेरा दिल टूट गया. मैंने पदक की सारी उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन उस वक्त हैरानी हुई जब नाइजीरिया की खिलाड़ी के तीनों प्रयास विफल रहे.
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इन खेलों में भारतीय भारोत्तोलकों ने शानदार प्रदर्शन किया है और वे अब तक तीन स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. पंजाब की नाभा की 25 साल की इस खिलाड़ी ने कहा, मुझे बेहद गर्व है, क्योंकि पूरे देश से मुझ पर काफी उम्मीदें थीं और मैं उन पर खरा उतरने में कामयाब रही. यह पदक जीतना मेरे लिए बहुत मायने रखता है. उन्होंने कहा कि यहां के ‘एनईसी’ परिसर में दर्शकों के समर्थन ने उनका हौसला बढ़ाया.
उन्होंने कहा, मैंने अपनी ओर से पूरा जोर लगाया क्योंकि भारत के सभी भारोत्तोलक और देश के विभिन्न हिस्से से आये प्रशंसक मेरा समर्थन कर रहे थे. इससे मेरा हौसला बढ़ा और मैंने सब कुछ झोक दिया. हरजिंदर का स्नैच में 90 किग्रा का पहला प्रयास विफल रहा लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने सफलता पूर्वक इसे उठाने के बाद तीसरे प्रयास में 93 किग्रा का भार उठाया. उन्होंने इसके बाद क्लीन एवं जर्ग में 113, 116 और फिर 119 किग्रा के भार को सफलतापूर्वक उठाया.
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