Hartalika Teej 2022: भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है. हरतालिका तीज व्रत कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं. इस वर्ष यह शुभ दिन आज यानी 30 अगस्त को पड़ रहा है. यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है.
हरतालिका तीज व्रत इस साल 30 अगस्त 2022 को रखा जा रहा है. इस दिन सुबह साढ़े छह बजे से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा. जबकि शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा.
भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियां
घी, दीपक, अगरबत्ती और धूप)
पान 2 या 5, कपास की बत्ती, कपूर
सुपारी के 2 पीस, दक्षिणा
केले का फल, पानी के साथ एक कलश, आम और पान के पत्ते, एक चौकी
केले का पत्ता, बेल के पत्ते, धतूरे का फल और फूल, सफेद मुकुट एवं फूल
साबुत नारियल -4, शमी के पत्ते
चंदन, जनेऊ, फल, नए कपड़े का एक टुकड़ा
सभी वस्तुओं को एक साथ रखने के लिए एक ट्रे
काजल, कुमकुम, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियाँ
पैर की अंगुली की अंगूठी (बिछिया)
कंघा, कपड़े और अन्य सामान, आभूषण
चौकी को ढकने के लिए एक साफ कपड़ा, पीला/नारंगी/लाल
हरतालिका तीज का व्रत कठिन व्रत माना जाता है. यह निर्जला व्रत होता है. हरतालिका व्रत के कुछ खास नियम होते हैं. इनका पालन करना आवश्यक है. आइए जानते हैं क्या हैं वो नियम-
प्रत्येक पहर में भगवान शंकर की पूजा और आरती करें.
इस दिन घी, दही, शक्कर, दूध, शहद का पंचामृत चढ़ाएं.
सुहागिन महिलाओं को सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ी, काजल सहित सुहाग पिटारा दें.
अगले दिन भोर में पूजा करके व्रत का उद्यापन करें.
– हरितालिका तीज पर तृतीया तिथि में ही पूजन करना चाहिए. तृतीया तिथि में पूजा गोधली और प्रदोष काल में की जाती है. चतुर्थी तिथि में पूजा मान्य नहीं, चतुर्थी में पारण किया जाता है.
– नवविवाहिताएं पहले इस व्रत को जिस तरह रख लेंगी, हमेशा उन्हें उसी प्रकार इस व्रत को करना होगा. इसलिए इस बात का ध्यान रखना है कि पहले व्रत से जो नियम आप उठाएं उनका पालन करें. अगर निर्जला ही व्रत रखा था तो फिर हमेशा निर्जला ही व्रत रखें. आप इस व्रत में बीच में पानी नहीं पी सकते.
– इस व्रत में भूलकर भी सोना नहीं चाहिए. इस व्रत में सोने की मनाही है. व्रत रखने वाली महिलाओं को रातभर जागकर भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए. इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए और साथ ही सुहाग का सामान सुहागिन महिलाओं को दान करना चाहिए.
– चतुर्थी तिथि यानी अगले दिन व्रत को खोला जाता है. व्रत की पारण विधि के अनुसार ही व्रत का पारण करना चाहिए.
– तीज व्रत में अन्न, जल, फल 24 घंटे कुछ नहीं खाना होता है. इसलिए इस व्रत का श्रद्धा पूर्वक पालन करना चाहिए.
– तीज का व्रत एक बार आपने शुरू कर दिया है, तो आपको इसे हर साल ही रखना होगा. अगर किसी साल बीमार हैं तो व्रत छोड़ नहीं सकते. ऐसे में आपको उदयापन करना होगा या अपनी सास, देवरानी को देना होगा.