Hartalika Teej Ke Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतिया तिथि के दिन हरियाली तीज (Hariyali Teej) मनाई जाती है. इस साल हरियाली तीज का व्रत और पूजन मंगलवार 30 अगस्त को किया जाएगा. हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं पति के स्वस्थ जीवन और लंबी आयु की कामना के लिए रखती हैं. वहीं कुंवारी कन्याएं भी हरतालिका तीज का व्रत रख सकती हैं. हरतालिका तीज के दिन हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे विवाह से जुड़ी समस्या दूर हो सकती है.
विवाह से जुड़ी हर समस्या का हल इन उपायों से मिलेगा
यदि विवाह नही हो पा रहा तो तीज के दिन पार्थिव शिवलिंग बनाकर 21 बेल पत्र उन्हें चढ़ाएं और कम से कम 11 या 21 बार उनकी परिक्रमा करें. पूजा के बाद शिवलिंग को बेल के पेड़ के नीचे ही रख दें. इसके बाद देवी कात्यायिनी के विवाह मंत्र का जाप करें – कात्यायिनी महामाये महायोगिनीधीश्वरी नन्द-गोपसुतं देवि पतिं में कुरु ते नम:
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यदि पति-पत्नी के बीच प्रेम न हो तो दोनों को हरितालिका तीज की शाम को शिव-पार्वती के मंदिर में एक साथ मिलकर शुद्ध घी के 11 दीया जलाना चाहिए. साथ ही प्रार्थना करनी चाहिए कि उनके जीवन में प्रेम का वास करें. कुंवारी कन्याएं भी यह काम कर सकती हैं.
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यदि विवाह में बाधांए आ रही हों तो कुंवारी ब्राह्मण कन्या को वस्त्र और मिष्ठान भेंट करें. ऐसा करने से विवाह पर आया संकट दूर होगा.
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यदि विवाह योग कुंडली में न बन रहा तो इस दिन कन्याओं को देवी पार्वती को हल्दी की 11 गांठ चढ़ा कर उनके समक्ष अपने कष्ट निवारण की प्रार्थना करनी चाहिए.
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यदि पति-पत्नी के बीच कोई तीसरा आ रहा हो अथवा प्रेम का अभाव हो तो इस दिन दंपति को साथ में भगवान शिव-पार्वती का अभिषेक दूध में हल्दी या केसर डालकर करना चाहिए.
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हरितालिका तीज के दिन खीर बना कर उसे भगवान को भोग लगाएं. अगले दिन पति-पत्नी इस प्रसाद को एक कटोरी मे साथ में खाएं. वैवाहिक सुख बढ़ेगा.
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यदि आपका सुहाग आपसे रुठा रहता हो तो इस दिन सुहागिनों को माता पार्वती को चुनरी, नथ और बिछिया और पायल अपने हाथों से पहनााना चाहिए.
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तीज के दिन अपने पति से मांग में सिंदूर डलवाएं. साथ ही सुहाग की चीजें पति के हाथों से पहनें. इससे दोनों के बीच प्रगाढ़ संबंध विकसित होगा.
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हरतालिका तीज पर गणेश मंदिर में सूखे मालपुए अर्पित करने से भी दांपत्य जीवन में कभी प्यार की कमी नहीं होगी.
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इस दिन पत्नी अपने हाथों से पान का बीड़ा लगाकर शिव जी को चढ़ाएं और फिर पति को दें. वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ेगा.
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हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
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सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें.
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इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
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तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें.
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इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं.
गीली काली मिट्टी या बालू, बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, आंक का फूल, मंजरी, जनेऊ, वस्त्र, फल एवं फूल पत्ते, श्रीफल, कलश, अबीर,चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, फुलहरा, विशेष प्रकार की 16 पत्तियां और 2 सुहाग पिटारा