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हरतालिका तीज व्रत का पारण कैसे करें? जान लें संपूर्ण विधि, नियम, विसर्जन संबंधी डिटेल्स

Hartalika Teej Vrat 2022: हरतालिका तीज में भगवान शिव, माता गौरी एवम गणेश जी की पूजा का महत्व है. यह व्रत निराहार एवं निर्जला किया जाता है. इस दिन महिलायें बिना कुछ खाये -पिये व्रत रखती हैं. यह व्रत शक्ति का एक अनुपम उदाहरण है. व्रत का संदेश यह है कि हम जीवन में लक्ष्य प्राप्ति का संकल्प लें.

Hartalika Teej Vrat 2022: हरतालिका तीज का व्रत हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा व्रत माना जाता है. यह तीज का त्योहार भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. खासतौर पर महिलाओं द्वारा यह त्योहार मनाया जाता है. विशेषकर सुहागिन महिलाएं यह व्रत करती हैं. ऐसी मान्यता है कि विधि-विधान से हरितालिका तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. हरतालिका व्रत पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, नियम, पारण का तरीका, नियम जान लें.

Hartalika Teej Vrat 2022: महिलाओं की शक्ति का प्रतीक

हरितालिका तीज का व्रत महिला प्रधान है. इस दिन महिलायें बिना कुछ खाये -पिये व्रत रखती हैं. यह व्रत शक्ति का एक अनुपम उदाहरण है. व्रत का संदेश यह है कि हम जीवन में लक्ष्य प्राप्ति का संकल्प लें. शक्ति के आगे सबकुछ असंभव दिखाई देता है. माता पार्वती ने जगत को दिखाया की शक्ति के सामने ईश्वर भी झुक जाते हैं.

Hartalika Teej Vrat 2022: हरतालिका तीज व्रत विधि, पारण नियम

  • हरतालिका पूजन प्रदोष काल में किया जाता है. प्रदोष काल अर्थात दिन रात के मिलने का समय. हरतालिका पूजन के लिए शिव, पार्वती, गणेश एव रिद्धि सिद्धि जी की प्रतिमा बालू रेत अथवा काली मिट्टी से बनाई जाती है.

  • विविध पुष्पों से सजाकर उसके भीतर रंगोली डालकर उस पर चौकी रखी जाती है. चौकी पर एक अष्टदल बनाकर उस पर थाल रखते हैं. उस थाल में केले के पत्ते को रखते हैं.

  • सभी प्रतिमाओं को केले के पत्ते पर रखा जाता है. सर्वप्रथम कलश के ऊपर नारियल रखकर लाल कलावा बांध कर पूजन किया जाता है.

  • कुमकुम, हल्दी, चावल, पुष्प चढ़ाकर विधिवत पूजन होता है.

  • कलश के बाद गणेश जी की पूजा की जाती है.

  • उसके बाद शिव जी की पूजा जी जाती है.

  • तत्पश्चात माता गौरी की पूजा की जाती है. उन्हें सम्पूर्ण श्रृंगार चढ़ाया जाता है.

  • इसके बाद अन्य देवताओं का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन किया जाता है.

  • प्रातः अन्तिम पूजा के बाद माता गौरी को सिंदूर चढ़ाया जाता है उस सिंदूर से सुहागन स्त्री सुहाग लेती हैं.

  • ककड़ी एवं हलवे का भोग लगाया जाता है. उसी ककड़ी को खाकर उपवास तोडा जाता हैं.

  • अंत में सभी सामग्री को एकत्र कर पवित्र नदी एवं कुण्ड में विसर्जित किया जाता है.

Hartalika Teej Vrat 2022: हरितालका पूजा महूर्त

हरितालिका पूजन प्रातःकाल ना करके रात्रि में करें तो उत्तम रहता है.

रात्रि 8: 20 मिनट तक शुभ समय है. इस समय तक प्रदोष काल रहेगा इसमें भगवान शंकर का पूजन करें तो शुभ फल की प्राप्ति होगी.

Hartalika Teej Vrat 2022: हरतालिका व्रत पूजन की सामग्री

1- मंदार का फूल का माला.

2- गीली काली मिट्टी अथवा बालू रेत.

3- केले का पत्ता.

4- विविध प्रकार के फल एवं फूल पत्ते.

5- बेल पत्र, शमी पत्र, धतूरे का फल एवं फूल, तुलसी मंजरी.

6- जनेऊ , मौली, वस्त्र,.

7- माता गौरी के लिए पूरा सुहाग का सामग्री, जिसमे चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, महावर, मेहँदी आदि एकत्र की जाती हैं. इसके अलावा बाजारों में सुहाग पूड़ा मिलता हैं जिसमे सभी सामग्री होती हैं.

8- घी, तेल, दीपक, कपूर, कुमकुम, सिंदूर, अबीर, चन्दन, नारियल, कलश.

9- पञ्चामृत – घी, दही, शक्कर, दूध, शहद.

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