Loading election data...

गुरमीत राम रहीम को खालिस्तान समर्थक से जान का खतरा! हरियाणा सरकार ने मुहैया कराई जेड प्लस सुरक्षा

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फरलो पर रिहा करने के मामले में हरियाणा सरकार की ओर से सोमवार को हाईकोर्ट में एक रिकॉर्ड पेश किया गया है. इसमें सरकार ने अदालत के सामने यह स्पष्ट किया है कि राम रहीम को फरलो पर रिहा करने का फैसला तय प्रक्रिया के तहत किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2022 12:26 PM

चंडीगढ़: पंजाब चुनाव 2022 से ठीक पहले फरलो पर रिहा किए गए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम(Gurmeet Ram Rahim) को हरियाणा सरकार की ओर से जेड प्लस सुरक्षा (Z plus Security) मुहैया कराई गई है. मीडिया की रिपोर्ट में यह बताया जा रहा है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं से जान का खतरा है. इसी के आधार पर हरियाणा सरकार की ओर से जेड प्लस की सुरक्षा प्रदान की गई है. बताया जा रहा है कि गुरमीत राम रहीम ने पिछले छह फरवरी(6 February) को चिट्ठी के जरिए हाईकोर्ट को खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं से जान का खतरा होने की सूचना दी थी.

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट की रिकॉर्ड से यह बात सामने आई है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं से जान का खतरा है. यह बात सामने आते ही हरियाणा सरकार की ओर से फरलो पर रिहाई के बाद जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है.

गुरमीत राम रहीम को किस आधार पर दिया गया फरलो

मीडिया रिपोर्ट में बताया यह जा रहा है कि राम रहीम को फरलो पर रिहा करने से पहले हरियाणा सरकार ने महाधिवक्ता से कानूनी सलाह भी ली थी. महाधिवक्ता ने पिछली 25 जनवरी को हरियाणा सरकार को दी गई अपनी सलाह में कहा था कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स अधिनियम के तहत हार्ड कोर क्रिमिनल की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को हत्याओं की घटनाओं में सह-अभियुक्तों के साथ साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया है.

हाईकोर्ट में सरकार ने पेश किया रिकॉर्ड

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फरलो पर रिहा करने के मामले में हरियाणा सरकार की ओर से सोमवार को हाईकोर्ट में एक रिकॉर्ड पेश किया गया है. इसमें सरकार ने अदालत के सामने यह स्पष्ट किया है कि राम रहीम को फरलो पर रिहा करने का फैसला तय प्रक्रिया के तहत किया गया है. सोमवार को हाईकोर्ट का समय पूरा होने के चलते सुनवाई अब बुधवार को निर्धारित की गई है.

गुरमीत राम रहीम की हाईकोर्ट में याचिका

उधर, डेरा सच्चा सौदा को हरियाणा सरकार की ओर से फरलो पर रिहा किए जाने को लेकर पंजाब के समाना विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया है. अदालत में दाखिल याचिका में उन्होंने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अदालत में दाखिल याचिका में परमजीत सिंह सोहाली ने कहा कि पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को राजनीतिक लाभ लेने के लिए फरलो पर रिहा किया गया है.

Also Read: पंजाब में डेरा प्रमुख राम रहीम का ‘फरलो’ बना राजनीतिक मुद्दा, सियासी दलों के निशाने पर भाजपा
याचिका में राम रहीम पर लगाए गए आरोप

याचिकाकर्ता परमजीत सोहाली ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राम रहीम का पंजाब की कई सीटों पर गहरा प्रभाव है और ऐसे में उसकी फरलो से पंजाब में शांति भंग हो सकती है. उन्होंने कहा कि राम रहीम की फरलो से चुनाव की निष्पक्षता भी प्रभावित होगी. राम रहीम को जब सजा सुनाई गई थी, तब भी पंचकूला में भारी हिंसा हुई थी. ऐसे में हरियाणा सरकार का यह निर्णय पूरी तरह से गलत है. दुष्कर्म और हत्या जैसे संगीन मामले में दोषी होने के चलते हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स अधिनियम के तहत उसे फरलो का अधिकार नहीं है.

Next Article

Exit mobile version