साल में सिर्फ एक हफ्ते के लिए खुलता है यह मंदिर, चिट्ठी लिखकर भक्त लगाते हैं अर्जी, जानें कैसे पहुंचें यहां
Hasanamba Temple Story : क्या आप जानते हैं कर्नाटक में एक ऐसा मंदिर है जो साल में केवल एक हफ्ते के लिए ही खुलता है और भक्त यहां चिट्ठी से अर्जी लगाते हैं. आइए जानते हैं हसनंबा मंदिर कैसे पहुंचा जाएं.
Hasanamba Temple Story : भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है. यहां एक से बढ़कर एक सुंदर और प्रसिद्ध मंदिर है. जहां दर्शन के लिए विदेश से भी भक्त आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कर्नाटक में एक ऐसा मंदिर है जो साल में केवल एक हफ्ते के लिए ही खुलता है और भक्त यहां चिट्ठी से अर्जी लगाते हैं. आइए जानते हैं यहां कैसे पहुंचा जाएं.
हसनंबा मंदिर की कहानी क्या है?दरअसल कर्नाटक में हसनंबा मंदिर है जो साल में एक हफ्ते के लिए ही खुलता है. इस दौरान यहां श्रद्धालु विशेष पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं. इस मंदिर की कहानी बेहद दिलचस्प है. इसके बारे में बताया जाता है कि अंधकासुर नाम का एक राक्षस हुआ करता था जिसने कठोर तपस्या के बाद ब्रह्मा से अदृश्य होने का वरदान मांगा. ब्रह्मा जी खुश होकर उसे यह वरदान दे दिए. फिर क्या था अंधकासुर अत्याचार काफी बढ़ गया. जिससे सभी देवी-देवता परेशान हो गए. तभी इसका वध करने भगवान शिव आगे आए. जैसे ही भगवान शिव उसे मारते उसके रक्त की बूंद से भी राक्षस बन जाते.यह देख शिव ने अपनी शक्तियों से योगेश्वरी देवी का उदय किया. और देवी ने अंधकासुर राक्षस का विनाश किया.
अगर आप हसनंबा मंदिर जाने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें यह बेंगलुरु से 180 किलोमीटर दूर पर स्थित है. जो हसन रेलवे स्टेशन से भी नजदीक है. यहां से इस मंदिर की दूरी 3 किमी है. बता दें यह मंदिर साउथ इंडिया के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. इसका निर्माण 12वीं शताब्दी होयसल वंश के राजाओं ने करवाया था. यहां पर लोग मां के सामने चिट्ठी लिखकर अर्जी लगती है. यहां जाने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं जाते हैं.
हसनंबा मंदिर में भक्तों की अर्जी चिट्ठियों से लगती है. लोग इस मंदिर में चिट्ठी लिखकर मां के सामने अर्जी लगाते हैं. यहां आने वाले लोगों की सारी मनोकामनाएं मां पूर्ण करती है.
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