IISER के प्रोफेसर बोले : भीमा कोरेगांव मामले से कोई संबंध नहीं, परेशान करने की कोशिश कर रही है NIA
आईआईएसईआर-कोलकाता (IISER-Kolkata) के प्रोफेसर पार्थसारथी रे (Prof Partho Sarothi Ray) ने रविवार को कहा कि उनका 2018 में भीमा कोरेगांव (Bhima Koregaon) में हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. जांच एजेंसी एनआइए (NIA) उनको परेशान करने की कोशिश कर रही है, जैसा अन्य बुद्धजीवियों के साथ किया गया है. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एनआइए ने वैज्ञानिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता रे को समन जारी कर पेश होने के लिए कहा है.
कोलकाता : आईआईएसईआर-कोलकाता (IISER-Kolkata) के प्रोफेसर पार्थसारथी रे (Prof Parthasarathi Ray) ने रविवार को कहा कि उनका 2018 में भीमा कोरेगांव (Bhima Koregaon) में हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.
जांच एजेंसी एनआइए (NIA) उनको परेशान करने की कोशिश कर रही है, जैसा अन्य बुद्धजीवियों के साथ किया गया है. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एनआइए ने वैज्ञानिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता रे को समन जारी कर पेश होने के लिए कहा है.
पार्थसारथी रे ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, न ही वह कभी महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा कोरेगांव स्मारक गये हैं. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत मामले में एक गवाह के तौर पर समन किया है. इस मामले से मेरा कोई ताल्लुक नहीं है, क्योंकि मैं कभी भीमा कोरेगांव नहीं गया हूं. मुझे तो मामले की जानकारी भी अखबार में खबर पढ़ने से मिली है.’
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने रे को नोटिस जारी कर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में 10 सितंबर को उसके मुंबई के दफ्तर में पेश होने को कहा है. रे ‘परसीक्यूटिड प्रिजनर्स सॉलिडेरिटी कमेटी’ (पीपीएससी) की पश्चिम बंगाल इकाई के संयोजक भी हैं. यह मामला भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी, 2018 को जातीय हिंसा से संबंधित है.
श्री रे ने कहा, ‘यह मुझे तंग करने और धमकाने के हथकंडे के सिवा कुछ नहीं है, जैसा पूरे भारत के अन्य शिक्षाविदों एवं बुद्धिजीवियों के साथ किया जा रहा है. मैं जैव चिकित्सा वैज्ञानिक हूं और कोविड-19 से निबटने की लड़ाई में शामिल हूं. उन्होंने कहा, ‘मैं भी सताये गये और वंचितों के साथ लगातार खड़ा रहा हूं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे इस अहम समय में इस तरह से परेशान किया जा रहा है.’
Posted By : Mithilesh Jha