गोड्डा : झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से बुधवार को सीएस कार्यालय स्थित सभागार में गोड्डा जिला पीएलएचआइवी नेटवर्क सदस्यों के साथ एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सिविल सर्जन खूंटी डॉक्टर नागेश्वर मांझी, झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सहायक निदेशक संतोष कुमार सिंह, आइसीटीसी काउंसलर अभिलाषा सहित कुल 26 लोग थे. इस अवसर पर खूंटी डॉक्टर नागेश्वर मांझी द्वारा प्रतिभागियों को यह बताया गया कि नियमित एआरटी दवा के सेवन से एचआइवी पॉजीटिव व्यक्ति स्वस्थ एवं सामान्य जीवन बीता सकते हैं. झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सहायक निदेशक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि एचआइवी संक्रमित व्यक्तियों के साथ कोई भेदभाव करता है या किसी डॉक्टर द्वारा उसका ऑपरेशन करने से मना किया जाता है तो एचआइवी या एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) एक्ट 2017 के अंतर्गत उसे एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा 3 माह से 2 साल तक की कैद अथवा दोनों हो सकती है. इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं यथा पेंशन, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी, जिसका लाभ एचआइवी संक्रमित व्यक्ति उठा सकते हैं.
आइसीटीसी काउंसलर द्वारा यह बताया गया कि वैसी संक्रमित महिलाएं जो बेबी का प्लान करना चाहती हैं, वे आइसीटीसी या पीपीटीसी काउंसलर से मिलें, जिससे उनके होने वाले बच्चे को एचआइवी से बचाया जा सके. सभी प्रतिभागियों को टोल फ्री नंबर 1097 के संबंध में जानकारी दी गयी. इस पर कॉल कर एचआइवी से संबंधित किसी भी तरह का जानकारी एवं शिकायत प्राप्त कर सकते हैं. भागीरथ तिवारी द्वारा यह बताया गया कि एचआइवी संक्रमित व्यक्ति अपना पूरा जीवन स्वस्थ एवं सामान्य रूप से बीता सकते हैं, बशर्ते एआरटी दवा का नियमित सेवन करें. उनके द्वारा सभी एचआइवी पॉजीटिव व्यक्तियों को पीएलएचआइवी नेटवर्क से जुड़ने का अनुरोध किया गया. इससे उन सभी को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके. साथ ही यह बताया गया की एचआइवी केवल चार कारणों से होता है. असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सूई के इस्तेमाल, संक्रमित खून चढ़ाने के कारण तथा संक्रमित महिलाएं से उसके होने वाले बच्चे को हो सकता है.
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