Hazaribagh Fire News|हजारीबाग, दिलीप वर्मा : झारखंड की राजधानी रांची से 90 किलोमीटर दूर स्थित हजारीबाग जिले में भीषण आग लग गई. डेली मार्केट में लगी आग में डेढ़ दर्जन से अधिक दुकानें जलकर राख हो गईं. डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. जो दुकानें जलीं हैं, सभी मनिहारी की दुकानें थीं. लगभग हर दुकान में 10 से 15 लाख रुपए मूल्य के सामान थे. स्थानीय लोगों ने सुबह में देखा कि हजारीबाग मेन रोड स्थित डेली मार्केट में आग लग गई है. लोगों ने आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. इस बीच अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई. दमकल वाहनों ने पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ. जब तक आग पर काबू पाया जाता, 15 दुकानें जलकर खाक हो चुकीं थीं. जिन व्यापारियों की दुकानें जलीं हैं, उनका कहना है कि जितना संभव हो, जिला प्रशासन को व्यापारियों की मदद करनी चाहिए.
व्यापारियों ने बताया कि सुबह करीब छह बजे उन्हें फोन पर सूचना मिली कि बाजार में आग लग गई है. वे लोग भागकर वहां पहुंचे. तब तक दमकल के वाहन नहीं पहुंचे थे. स्थानीय दुकानदारों ने अपने स्तर से आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. कपड़े और जूतों की 20 दुकानें जल गईं. उसमें रखे सामान भी जल गए. चार दमकल गाड़ियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. आग बुझने तक डेली मार्केट में अफरा-तफरी का माहौल रहा. सूचना मिलने के बाद कई पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंचे.
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इनामुल हक, मोहम्मद सिकंदर, मोहम्मद साबिर और मोहम्मद गुलामहातु ने बताया कि उनकी दुकान पूरी तरह से जल गई है. इनामुल हक की दुकान में 6-7 लाख रुपए के सामान जल गए. मोहम्मद सिकंदर की दुकान में 5 लाख के सामान जले हैं. मोहम्मद साबिर और मोहम्मद गुलामहातु की दुकानों में क्रमश: 15 लाख और 20 से 25 लाख रुपए मूल्य के सामान रखे थे. सब बर्बाद हो गए. व्यापारियों ने बताया कि इनकी दुकानों का इंश्योरेंस नहीं होता, क्योंकि इनकी दुकानें पक्की नहीं हैं. जब तक पक्की छत न हो, दुकान और उसमें रखे सामान का इंश्योरेंस नहीं होता.
व्यापारियों ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है, जब हजारीबाग के डेली मार्केट में आग लगी है. इसके पहले भी कई बार आग लग चुकी है. आग बुझाने के इंतजाम बाजार में नहीं हैं. इसलिए आग पर नियंत्रण पाने में इतनी देर हो गई. इसका नुकसान दुकानदारों को भुगतना पड़ेगा. दुकानदारों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन उनकी मदद करेगा. हालांकि, उन्होंने अब तक प्रशासन से कोई मांग नहीं की है, लेकिन कहा है कि जितना संभव हो, प्रशासन को प्रभावित दुकानदारों की मदद करनी चाहिए.