हजारीबाग, आरिफ : उत्तरी छोटानागपुर का प्रमंडलीय मुख्यालय जिला हजारीबाग के अलग-अलग सभी 16 प्रखंडों में 10 कस्तूरबा गांधी एवं छह झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय में लगभग 4000 बालिकाएं अध्यनरत हैं. सभी को सुरक्षा एवं क्वालिटी एजुकेशन मिले. इसके लिए शिक्षा परियोजना के पदाधिकारी गंभीर प्रयास में जुटे हैं. बुधवार को समाहरणालय सभा कक्ष में सभी 16 वार्डन के साथ अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुनीला लकड़ा ने बैठक कर कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया है.
छात्राओं की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेंगी वार्डेन
बड़कागांव कस्तूरबा स्कूल की तरह अन्य किसी स्कूल में खुदकुशी के मामले को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने को कहा गया है. सुरक्षा को लेकर स्कूल में सुरक्षा गार्ड जवाबदेह होंगे. बालिकाओं को छुट्टी लेने के लिए आवेदन स्वीकृत कराना है. मिलने-जुलने वाले माता-पिता, रिश्तेदार, दोस्त अन्य का डेटा संग्रहण किया जाएगा. स्कूल समय के बाद भी विद्यार्थियों को लाइब्रेरी, जिम, खेलकूद, पेंटिंग एवं अन्य सुविधाएं स्कूल परिसर में होगी. वैसी विद्यार्थी जो अकेलापन महसूस करती हैं. इसके लिए विद्यार्थियों की टीम बनेगी. विद्यार्थी एक- दूसरे से सुख-दुख शेयर करेंगे. इसकी मॉनिटरिंग वार्डन की होगी.
कस्तूरबा स्कूल के शिक्षक समेत अन्य कर्मियों का बायोमैट्रिक सिस्टम से बनेगा हाजिरी
मीनू के अनुसार खाना नहीं मिलने पर वार्डन दोषी होंगे. कस्तूरबा में कार्यरत शिक्षक अन्य कर्मी बायोमैट्रिक सिस्टम से हाजिरी बनाएंगे. इसके अलावा नामांकन एवं ठहराव पर विशेष फोकस किया गया है. स्कूल के समीप वाले इलाके में ड्रॉपआउट बच्चियों की पहचान होगी. सभी का स्कूल में नामांकन लिया जाएगा. इसके लिए सभी बीईईओ जवाबदेह होंगे. सभी स्कूलों की नियमित साफ सफाई रखने एवं बागवानी करने का निर्देश मिला है. वित्तीय वर्ष 2022-23 का लेखा जोखा मार्च अंत मांगा गया है. बैठक में सभी वार्डन मौजूद थे.
कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के संचालन में करोड़ों रुपये होते खर्च
बता दें कि हजारीबाग जिले में कस्तूरबा के संचालन पर प्रतिवर्ष झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय की ओर से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इसमें शिक्षकों के मानदेय, विद्यार्थियों के खाना, ड्रेस, किताब-कॉपी, खेलकूद, स्कूल का रखरखाव सहित अन्य जरूरी कार्य शामिल है.