Loading election data...

हजारीबाग के किसान अशोक ने ई-नैम पोर्टल पर 8 लाख का किया व्यापार, तो फुलेश्वर ने 1700 क्विंटल से अधिक बेचे तरबूज, पीएम मोदी गुरुवार को दोनों से जानेंगे सफलता का राज

Jharkhand News (इचाक, हजारीबाग) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश भर के चार किसानों से बात करेंगे. जिसमें दो किसान झारखंड के हजारीबाग जिले के हैं. यह हजारीबाग जिला वासियों के लिए गर्व की बात है जबकि एक- एक किसान महाराष्ट्र एवं हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. हजारीबाग जिला के दोनों किसान ने भारत सरकार के ई-नैम पोर्टल में अपने उत्पाद का बेहतर व्यापार किया है. दोनों किसान हजारीबाग जिले इचाक एवं चुरचू प्रखंड के हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2021 5:45 PM

Jharkhand News (रामशरण, इचाक, हजारीबाग) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश भर के चार किसानों से बात करेंगे. जिसमें दो किसान झारखंड के हजारीबाग जिले के हैं. यह हजारीबाग जिला वासियों के लिए गर्व की बात है जबकि एक- एक किसान महाराष्ट्र एवं हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. हजारीबाग जिला के दोनों किसान ने भारत सरकार के ई-नैम पोर्टल में अपने उत्पाद का बेहतर व्यापार किया है. दोनों किसान हजारीबाग जिले इचाक एवं चुरचू प्रखंड के हैं.

इचाक प्रखंड के बरकाखुर्द गांव का किसान अशोक कुमार मेहता ने राष्ट्रीय कृषि बाजार ई- नैम पोर्टल पर 821 क्विंटल गेहूं, 4.5 क्विंटल मूली और 30 क्विंटल सरसों की बिक्री कर करीब 8 लाख रुपये का व्यापार किया है. वहीं, चुरचू बाडी फल सब्जी प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड चरही बाजार टांड़ के सीइओ फुलेश्वर महतो द्वारा 2016 में शुरू किया गया यह संस्था आज 41 गांव और 760 किसानों को समूह बना चुका है. 4 अप्रैल, 2020 से 14 जून, 2021 तक संस्था ने 1732 क्विंटल तरबूज व अन्य फसल बेचा था. दोनों किसानों से गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी सीधी बात करेंगे.

लॉकडाउन के दौरान ई-नैम पोर्टल पर किया व्यापार, मिली अच्छी आमदनी

किसान अशोक कुमार मेहता ने कहा कि उनके पिता स्वर्गीय जिबलाल मेहता एवं उनके पूर्वज भी खेती-बारी से जुटे थे. इस कारण वे बचपन से ही खेती कार्य में रुचि रखते हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण सही मूल्य पर किसान अपने उत्पाद को नहीं बेच पा रहे थे. इसी दौरान भारत सरकार के ई-नैम पोर्टल के बारे में उसे जानकारी मिली एवं बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह से पूरी जानकारी लेकर राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नैम पोर्टल पर किसानों के उत्पाद को देश स्तर के कृषि बाजार में बोली लगाकर बेचा. जिसमें लोकल बाजार की तुलना में अधिक कीमत मिली. उन्होंने कहा कि ई-नाम पोर्टल पर कृषि उत्पाद को बेचने पर सीधे किसानों के बैंक खाते में राशि भेज दी जाती है. इसमें बाजार समिति एक गारेंटर की भूमिका निभाती है.

Also Read: Hool Diwas 2021 : झारखंड में सिदो-कान्हू समेत अन्य अमर शहीदों को किया नमन, सीएम हेमंत बोले- वीर और शहीदों की है धरती, समृद्ध और सशक्त राज्य बनाने पर रहेगा जोर
फोन के जरिये मिली सूचना

किसान अशोक कुमार मेहता एवं फुलेश्वर महतो ने बताया कि मंगलवार को दिल्ली से फोन आया कि अापने ई-नैम पोर्टल पर बेहतर व्यापार किया है. जिस कारण एक जुलाई को प्रधानमंत्री आपसे बात करेंगे. यह सुन बड़ी खुशी हुई. फिर हजारीबाग बाजार समिति बुलाया गया. वहां ऑनलाइन बातचीत का ट्रायल कराया गया. बुधवार को भी ट्रायल कराया गया.

ई-नैम बाजार पर होगी चर्चा

किसान अशोक कुमार मेहता ने बताया कि भारत सरकार का राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नैम पर चर्चा होगी. इस बाजार से किसानों को फायदे हैं या नुकसान इसकी जानकारी पीएम हम किसानों से लेंगे. ई-नैम पोर्टल पर कुछ राज्यों को छोड़कर अधिकांश राज्य के किसान जुड़े हैं. इस वक्त विभिन्न राज्यों में करीब 1000 मंडी काम कर रही है.

दूसरे देशों में उत्पाद कैसे बेचे पीएम के समक्ष रखेंगे अपनी बात

किसानों के उत्पाद को दूसरे देश की मंडी में कैसे बेचा जाये, ताकि किसानों को अधिक मुनाफा हो. इस बात को किसान पीएम के समक्ष रखेंगे. किसानों ने कहा कि भारत के किसानों को लागत के मुताबिक मुनाफा नहीं मिल पाता है. लेकिन, अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बोली लगाकर बेचने से अधिक लाभ मिलेगा.

Also Read: लॉकडाउन में बाजार नहीं मिलने से जामुन बर्बाद हो रहा था, लेकिन सर्वेश्वरी महिला समूह ने खरीदा, बनेगी शुगर और पेट की बीमारी की दवा
SFAC ने पीएमओ को भेजा प्रस्ताव : सचिव

बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि ई-नैम पोर्टल पर देश भर के रजिस्टर्ड किसानों का नाम अंकित है. राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नैम एवं FPO पोर्टल पर व्यापार करने वाले किसानों का नाम भी पूरे देश के लोग देखते हैं. इसकी निगरानी लघु किसान व्यापार मंडल, भारत सरकार के द्वारा किया जाता है. दोनों किसानों के द्वारा पोर्टल पर बेहतर व्यापार करने के कारण उनके नाम का चयन दिल्ली से किया गया है.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version