हजारीबाग NH-2 को सिक्स लेन बनाने के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन, पर मकानों के मूल्यांकन के दस्तावेज गायब

हजारीबाग जिले में एनएच-2 को सिक्सलेन बनाने के लिए अर्जित किये जानेवाले कई प्लॉट के दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं. दस्तावेज के अभाव में ऐसे प्लॉट व मकानों का मुआवजा नहीं बन पाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 15, 2023 6:48 AM

हजारीबाग जिले में एनएच-2 को सिक्सलेन बनाने के लिए अर्जित किये जानेवाले कई प्लॉट व मकानों के मूल्यांकन के दस्तावेज संबंधित विभागों के कार्यालयों में नहीं मिल रहे हैं. दस्तावेज के अभाव में ऐसे प्लॉट व मकानों का मुआवजा नहीं बन पाया है. इस कारण इनके मालिकों या रैयतों को नोटिस नहीं दिया गया है. प्रभावित लोग मुआवजे का नोटिस पाने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. हर कार्यालय से अलग-अलग जवाब सुनने को मिल रहा है, जिससे प्रभावित रैयत और जमीन मालिक परेशान हैं.

भू-अर्जन की उलझन-01

केस स्टडी -01

चौपारण प्रखंड के पीपरा ग्राम निवासी सीताराम राणा की जमीन खाता नंबर-66, प्लॉट नंबर-2116/01, रकबा 3.5 डिसमिल, जिस पर मकान भी बना हुआ है, सिक्सलेन में प्रभावित हो रही है. इसकी मापी भी हो चुकी है, लेकिन नोटिस नहीं मिला है. नोटिस की तलाश में जब वे भूअर्जन कार्यालय गये, तो वहां रेकड़ ही नहीं मिला. वहां से उन्हें भवन प्रमंडल कार्यालय भेजा गया. वहां भी रेकड़ नहीं मिला. इन दोनों विभागों ने एनएचएआइ को पुनर्मूल्यांकन के लिए पत्र लिखा. इस पर एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने नियमों का हवाला देते हुए पुनर्मूल्यांकन की अनुमति देने से इनकार कर दिया. संबंधित विभागों के कार्यालयों के चक्कर लगा कर परेशान हैं जमीन मालिक और रैयत

केस स्टडी -02

चौपारण प्रखंड के पीपरा गांव के ही श्यामदेव साव को भी नोटिस नहीं मिला है. उनकी प्लॉट नंबर-1270, खाता नंबर-25, भूमि और मकान दोनों का मूल्यांकन किया गया था. उन्हें भूअर्जन कार्यालय ने बताया है कि प्लॉट की अधियाचना एनएचएआइ से भूअर्जन कार्यालय को नहीं भेजी गयी है. जबकि, कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमंडल, हजारीबाग द्वारा उक्त प्लॉट पर बनी संरचना का मूल्यांकन किया गया है.

केस स्टडी -03

रामखेलावन साव की जमीन खाता नंबर-55, प्लॉट नंबर-1461, रकबा पांच डिसमिल खरीदी हुई है. इनका भी न पंचाट बना है न ही नोटिस भेजा गया है. जमीन पर तीन मंजिला मकान बना हुआ है. इन्होंने भी भूअर्जन कार्यालय को इससे संबंधित आवेदन अक्तूबर में ही दिया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

भू-अर्जन विभाग मामले से पल्ला झाड़ रहा है देवानंद साव

देवानंद साव, पिता-रीतू साव का खाता नंबर-25, प्लॉट नंबर-1270 की जमीन और मकान दोनों प्रभावित है. इन्हें भी नोटिस नहीं मिला है. भूअर्जन कार्यालय में पता करने पर बताया गया कि एनएचएआइ ने इसकी अधियाचना ही नहीं भेजी है. जबकि, देवानंद का कहना है कि उनकी जमीन और मकान का मूल्यांकन पूरे गांव के साथ ही हुआ है. उन्होंने भी भूअर्जन कार्यालय में लिखित शिकायत पिछले साल अक्तूबर में ही की है.

10 साल पहले पूरे गांव के साथ मेरी जमीन-मकान का मूल्यांकन हुआ था. दस्तावेज गायब हो गये, तो इसमें मेरा कोई दोष नहीं है. फिर भी पिछले छह महीने से दफ्तरों के चक्कर लगा रहा हूं. हर विभाग पल्ला झाड़ लेता है. मुझे इंसाफ चाहिए.

सीताराम राणा, रैय्यत, मौजा पीपरा, अंचल चौपारण

हमारे कार्यालय से कोई दस्तावेज गायब नहीं हुआ है. अधियाचना भेजा एनएचएआइ कार्यालय की जिम्मेदारी थी. वहीं से कुछ गड़बड़ी हुई होगी. हमारे यहां जो भी दस्तावेज आये हैं, उसके अनुसार नोटिस व मुआवजा दिया जा रहा है.

विनोद कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, हजारीबाग

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