हजारीबाग एनटीपीसी कोयला ढुलाई घोटाले में पीएमओ ने दिया कार्रवाई का निर्देश, जानें पूरा मामला

हजारीबाग एनटीपीसी में कोयला ट्रांसपोर्टिंग किये जाने के मामले को लेकर पीएमओ कार्यालय ने जांच के आदेश दिये हैं. इसमें बड़कागांव इंस्पेक्टर की जांच रिपोर्ट संदिग्ध है. झारखंड के कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव इसे पूरे मामले को देखेगी

By Sameer Oraon | February 4, 2022 9:15 AM

हजारीबाग : हजारीबाग जिला स्थित एनटीपीसी के पकरी-बरवाडीह कोल परियोजना में टू-थ्री व्हीलर से कोयला ट्रांसपोर्टिंग किये जाने के मामले में बड़कागांव इंस्पेक्टर की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए शिकायकर्ता ने फिर से प्रधानमंत्री कार्यालय के लोक शिकायत केंद्र में शिकायत की है.

मामले में पीएमओ कार्यालय ने झारखंड के कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव को कार्रवाई का निर्देश दिया है. शिकायतकर्ता मंटू सोनू उर्फ शनिकांत ने पीएमओ को भेजी अपनी शिकायत में कहा है कि पुलिस जांच रिपोर्ट में एक तरफ यह स्वीकार कर रही है कि जिला खनन पदाधिकारी द्वारा बड़कागांव थाना में एफआइआर के लिए आवेदन दिया गया था. वहीं फिर से जिला खनन पदाधिकारी से आवेदन की मांग की गयी है.

दूसरी ओर बड़कागांव थाना प्रभारी आवेदन मिलने से मना करते हैं. इसमें सच कौन बोल रहा है और मामले में अब तक प्राथमिकी क्यों नहीं हुई, इसका जवाब जांचकर्ता ने रिपोर्ट में नहीं दिया है. इससे प्रतीत होता है कि पुलिस का इरादा एफआइआर नहीं करने और जांच में गलत रिपोर्ट देने का है.

क्या है मामला :

खान निदेशक के पत्र (2549/एम., दिनांक : नौ अक्तूबर 2018) के आधार पर जेआइएमएस प्रणाली के तहत कोयला के ई-परिवहन चालान में अनियमितता पाये जाने की बात कही गयी थी. इसमें 12 ऐसे वाहनों का नंबर भी दिया गया था, जो टू-थ्री व्हीलर व कार का था. इसके जरिये मेसर्स एनटीपीसी परियोजना से कोयला प्राप्त कर डीओ होल्डर, ट्रांसपोर्टर व लिफ्टर द्वारा ढुलाई का काम किया जाता था, जो खनन निदेशक के अनुसार स्पष्ट तौर पर अवैध था.

इस मामले में खान निदेशक के पत्र के आधार पर हजारीबाग के तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी नितेश कुमार गुप्ता ने कोयला ढुलाई अवैध रूप से किये जाने को लेकर मामले में संलिप्त व्यक्तियों व कंपनियों के खिलाफ नियम और कानूनी धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन बड़कागांव थाना में सात जनवरी 2019 को दिया था. इसी मामले में प्राथमिकी नहीं किये जाने को लेकर शिकायत की गयी थी. इसके बाद मामला प्रकाश में आया.

Posted By : Sameer Oraon

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