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हजारीबाग में पुलिस ने रैयतों को खदेड़ा, चट्टीबारियातु कोल परियोजना से 95 दिन बाद शुरू हुई कोयले की ढुलाई

चट्टीबारि यातु परियोजना से कोयला ढुलाई के लिए जोरदाग को छावनी में तब्दील कर दिया गया. हजारीबाग की डीसीनैन्सी सहाय व एसपी मनोज रतन चोथे के द्वारा कोयला ढुलाई शुरू कराने के लिए 20 दंडाधिकारी के नेतृत्व में केरेडारी, बड़कागांव, हजारीबाग जिला पुलिस बल, रैप जवान समेत 1,000 से अधिक बल की तैनाती की गयी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2023 9:03 PM
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केरेडारी, अरुण यादव. हजारीबाग के केरेडारी प्रखंड स्थित एनटीपीसी चट्टीबारियातु कोल परियोजना से 95 दिनों के बाद रैयतों व पुलिस प्रशासन के बीच काफी गहमागहमी के बाद कोयले की ढुलाई शुरू हो गयी. ढुलाई रोकने के लिए धरना पर बैठे रैयतों से अंचल अधिकारी राकेश तिवारी ने हटने का अपील की, लेकिन धरना पर बैठे टाना भगत, व रैयत नहीं माने. पुलिस प्रशासन ने हल्का बल प्रयोग करते हुए रैयतों को वहां से खदेड़ दिया. रैयतों के हटते ही एनटीपीसी कर्मियों ने बैरियर हटाकर कोयला ढुलाई के लिए वाहनों को माइंस में घुसाया.

पुलिस छावनी में तब्दील रहा जोरदाग, चप्पे-चप्पे पर तैनात थे जवान

चट्टीबारियातु परियोजना से कोयला ढुलाई के लिए जोरदाग पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. हजारीबाग की उपायुक्त नैन्सी सहाय व एसपी मनोज रतन चोथे के द्वारा कोयला ढुलाई शुरू कराने के लिए 20 दंडाधिकारी के नेतृत्व में केरेडारी, बड़कागांव पुलिस, हजारीबाग जिला पुलिस बल, रैप जवान समेत 1,000 से अधिक बल की तैनाती की गयी थी.

डीसी-एसपी ने संभाला मोर्चा

कोयला ढुलाई की वस्तुस्थिति का जायजा हजारीबाग उपायुक्त नैन्सी सहाय व एसपी मनोज रतन चोथे केरेडारी मुख्यालय से लेते रहे. वाहनों में कोयला लोड होने के उपरांत हजारीबाग की उपायुक्त और एसपी दोनों जोरदाग पहुंचे और मोर्चा संभाला. दोनों अफसरों ने कोयला लोड वाहनों को हरी झंडी दिखायी. इसके साथ ही ट्रांसपोर्टिंग शुरू हो गयी. यहां से कोयला को नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट में भेजा गया. अधिकारी देर शाम तक परियोजना में जमे रहे. इन्होंने परियोजना क्षेत्र के लोडिंग प्वाइंट, कांटा घर व ढुलाई के लिए सड़क, सुरक्षा के बारे में भी जानकारी ली.

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काली पट्टी लगाकर रैयत कर रहे थे धरना-प्रदर्शन

चट्टीबारियातु कोल परियोजना से पहले बैरियर में जोरदाग के महिला, पुरुष वा टाना भगत हाथों में एनटीपीसी वापस जाओ की तख्ती लेकर खड़े थे. ये लोग काली पट्टी व झंडा के साथ धरना में बैठे थे. वे लोग एनटीपीसी प्रबंधन से अपने हक व अधिकार की लिखित मांग कर रहे थे. केरेडारी सीओ ने 144 धारा का उलंघन न करने और धरना से उठने की अपील की. रैयत नहीं उठे, तो पुलिस ने बल प्रयोग करके महिला पुलिस के सहयोग से धरने पर बैठी महिला रैयतों को हटाया.

रैयतों वा एनटीपीसी अधिकारियों के बीच कई मुद्दों पर बनी सहमति

कोयला ढुलाई को लेकर रैयतों व एनटीपीसी के अधिकारियों में ट्रांसपोर्टर के द्वारा लोकल वाहन चालक रखने, ट्रांसपोर्टिंग के लिए रैयतों के वाहनों को प्राथमिकता देने, वाहन लेने के लिए फाइनेंस कराने में सहयोग करने, ट्रांसपोर्टेशन के द्वारा 10 पुरुष एवं महिलाओं को गार्ड एवं सहायक का काम देने, प्रदूषण नियंत्रण के लिए पानी छिड़काव का कार्य रैयतों को देने, महिलाओं को कौशल विकास के लिए सिलाई का प्रशिक्षण देने, सिलाई मशीन उपलब्ध कराने, महिलाओं को कुटिर उद्योग का प्रशिक्षण देने, ग्राम में सामुदायिक भवन का निर्माण करने, मुंडाटोली में शौचालयों का निर्माण कराने, ग्रामीणों के विकास कार्य में ग्राम सहकारी समिति को प्राथमिकता देने, ट्रांसपोर्टिंग के अन्य मार्ग के लिए ग्रामीणों से वार्ता के बाद उचित निर्णय लेने, ग्रामीणों की समस्याओं का निवारण करने जैसे मुद्दों पर सहमति बनी.

रैयतों की हैं ये मांगें

रैयतों ने कोल कंपनी से विस्थापित प्रभावित महिला-पुरुषों को रोजगार से जोड़ने, प्रदूषण नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव करने, एनटीपीसी से रैयती व गैरमजरुआ जमीन का एक समान मुआवजा भुगतान करने, विस्थापित को पुनर्वास की व्यवस्था करने, ग्रामीण सड़क से कोयला ढुलाई नहीं करने, ट्रांसपोर्टिंग के लिए अलग से रोड का निर्माण करने, स्वास्थ्य, शिक्षा व्यवस्था लागू करने, रैयतों पर दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लेने, कोयला का खनन बंद करने की मांग की थी.

मौके पर ये अधिकारी थे मौजूद

मौके पर हजारीबाग एसडीओ विद्या भूषण प्रसाद, एसडीपीओ अमित कुमार सिंह, सीओ राकेश तिवारी, थाना प्रभारी नयाल गॉडविन केरकेट्टा, प्रखंड बिकास पदाधिकारी किस्टो कुमार बेसरा, एनटीपीसी के डीजीएम फैयज तैयब, चट्टीबारियातु जीएम विश्व मोहन सिंह, एसपी गुप्ता, समेत कई अधिकारी शामिल थे.

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