धनबाद का हाजरा अस्पताल अग्निकांड : 5 घंटे के अंतराल पर दोबारा हुआ था पोस्टमार्टम
डॉ विकास हाजरा एवं डॉ प्रेमा हाजरा का दो बार पोस्टमार्टम हुआ. जबकि अन्य तीन का एक बार पोस्टमार्टम हुआ. शनिवार को डॉ विकास एवं डॉ प्रेमा का पहले सामान्य रूप से पोस्टमार्टम कराया गया. फिर वरीय अधिकारियों से आदेश के बाद दोनों के शव को एंबुलेंस से वापस पोस्टमार्टम के लिए लाया गया.
Dhanbad News: डॉ विकास हाजरा एवं डॉ प्रेमा हाजरा का दो बार पोस्टमार्टम हुआ. जबकि अन्य तीन का एक बार पोस्टमार्टम हुआ. शनिवार को डॉ विकास एवं डॉ प्रेमा का पहले सामान्य रूप से पोस्टमार्टम कराया गया. फिर वरीय अधिकारियों से आदेश के बाद दोनों के शव को एंबुलेंस से वापस पोस्टमार्टम के लिए लाया गया. इसके बाद पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन हुआ. शाम में दुबारा पोस्टमार्टम कराया गया. पूरी प्रक्रिया कार्यपालक दंडाधिकारी रवींद्र ठाकुर की मौजूदगी में हुई. इसकी वीडियोग्राफी भी करायी गयी. रात 10 बजे के करीब डॉ विकास, डॉ प्रेमा व सोहन खमारू का शव उनके परिजन को सौंपा गया. शव लेने के लिए दिवंगत डॉक्टर के छोटे भाई डॉ समीर हाजरा पहुंचे थे. शव लेकर टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित आवास गये.
बस्ताकोला में आज होगा अंतिम संस्कार
डॉ विकास व उनकी पत्नी डॉ प्रेमा का अंतिम संस्कार रविवार को बस्ताकोला गौशाला श्मशान घाट पर होगा. उनके भाई ने बताया : अंतिम यात्रा उनके घर से ही शुरू होगी.
तारा, शंभु सिंहो का शव हुगली ले गये परिजन
डॉ विकास के गांव के शंभु सिंहो तथा काम करने वाली तारा देवी का शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजन हुगली (पश्चिम बंगाल) स्थित पैतृक गांव ले कर गये. एंबुलेंस से दोनों का शव ले जाया गया.
डीआइजी अग्निशमन करेंगे घटना की जांच
गृह रक्षा वाहिनी व अग्निशमन सेवा के डीआइजी दीपक कुमार सिन्हा छह फरवरी को धनबाद आयेंगे. उन्होंने बताया कि हाजरा अस्पताल में दम घुटने से पांच लोगों की मौत हुई है. इस मामले की जांच की जायेगी.
फॉरेंसिक टीम से करायी जायेगी जांच : ग्रामीण एसपी
ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन ने कहा कि रांची की फॉरेंसिक टीम से मामले की जांच करायी जायेगी. इसके लिए अनुशंसा भेज दी गयी है. साथ ही बिजली विभाग की टीम जांच कर रही है. हर बिंदु पर जांच होने के बाद ही सारी बातें साफ होगी.
बात ही न हो तो इमरजेंसी नंबर किस काम का : डॉ समीर
मृतक डॉ विकास हाजरा के छोटे भाई समीर हाजरा ने घटनास्थल पर पहुंचे उपायुक्त संदीप सिंह को बताया कि घटना के बाद वह इमरजेंसी नंबर पर फोन करते रहे, लेकिन जवाब नहीं मिला. एंबुलेंस सुविधा के लिए 108, पुलिस से 100 पर समेत अन्य नंबरों पर 20 से अधिक कॉल किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अंत में बैंक मोड़ थाना जाकर सूचना दी. इसके बाद पुलिस पहुंची. व्यवस्था में सुधार होना चाहिए, इमरजेंसी नंबर में भी फोन नहीं लगेगा, तो भी इमरजेंसी नंबर किस काम का है.
Also Read: धनबाद का हाजरा क्लिनिक अग्निकांड: डॉक्टर दंपती समेत 5 की मौत, रांची की फॉरेंसिक टीम करेगी जांच, क्लिनिक सील
समय से दमकल आता तो बच जाते मेरे दादा और बौदी
डॉ रीता हाजरा ने बताया कि पहले मैंने कॉरिडोर का ताला खुलवाने का प्रयास किया. उसके बाद आग लगने की सूचना अग्निशमन विभाग को दी. एक घंटे बाद दमकल घटनास्थल पर पहुंचा. यदि समय से पहुंच जाता तो मेरे दादा और बौदी की जान बच जाती.
सात गर्भवती को दूसरे के घरों में किया गया शिफ्ट
एक तरफ फायर ब्रिगेड तो दूसरी तरफ बैंक मोड़ पुलिस लगातार राहत कार्य कर रही थी. कुछ मरीज तो घटना के बाद बाहर निकल गये, लेकिन इस दौरान सात गर्भवती महिलाएं फंसी थीं. पुलिस वालों ने किसी तरह से सभी को बाहर निकाला. उन्हें अगल बगल के घर में शिफ्ट किया.
दम घुटने से हुई है पांचों की मौत : सिविल सर्जन
घटनास्थल पर पहुंचे सिविल सर्जन डाॅ आलोक विश्वकर्मा ने कहा कि रात करीब 1:30 से 2:00 बजे की बीच आग लगी है. दम घुटने से डॉ विकास हाजरा, डॉ प्रेमा हाजरा समेत पांच लोगों की मौत हुई है. गोदाम में संभवत: शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी. यहां फायर उपकरण भी है, लेकिन उसका उपयोग नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत अस्पताल रजिस्टर्ड है. मरीज और रेसिडेंट दोनों अलग-अलग है, रेसिडेंट इलाके में घटना हुई है. मरीजों को किसी प्रकार की कोई क्षति नहीं हुई. अंतिम बार अस्पताल का कब निरीक्षण कब किया गया है इस सवाल पर सिविल सर्जन ने कहा कि यह कागज देखने के बाद ही पता चलेगा कि अंतिम सर्वे कब किया गया.