हजरत शाह मुहम्मद सकलैन मियां का सुपुर्द ए खाक 22 को, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत प्रमुख हस्तियां होंगी शामिल
शाह मुहम्मद सकलैन मियां का इंतकाल शुक्रवार देर शाम एक निजी अस्पताल में हो गया था. मगर, उनका सुपुर्द- ए-खाक रविवार यानी 22 अक्टूबर को बरेली में होगा.शहर के इस्लामियां इंटर कॉलेज के मैदान में नमाज ए जनाजा सुबह 10 बजे है.इसमें देश भर से अकीदतमंद शामिल होंगे.उनके इंतकाल के बाद अकीदतमंदों में काफी गम है.
बरेली : दरगाह शाह शराफत मियां के सज्जादानशीन शाह मुहम्मद सकलैन मियां का इंतकाल (मृत्यु) शुक्रवार देर शाम एक निजी अस्पताल में हो गया था.मगर, उनका सुपुर्द- ए-खाक रविवार यानी 22 अक्टूबर को बरेली में होगा.शहर के इस्लामियां इंटर कॉलेज के मैदान में नमाज ए जनाजा सुबह 10 बजे है. इसमें देश भर से अकीदतमंद शामिल होंगे.उनके इंतकाल के बाद अकीदतमंदों में काफी गम ( शोक) है.शहर में अकीदतमंदों की काफी भीड़ जुटी है.इसके साथ ही अकीदतमंद कुरान की तिलावत कर रहे हैं.हजरत शाह मुहम्मद सकलैन मियां के सुपुर्द ए खाक में यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय भी पहुचेंगे.कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव असलम चौधरी ने बताया कि 21 अक्टूबर की रात में ही प्रदेश अध्यक्ष बरेली पहुंच जाएंगे.हजरत शाह मुहम्मद सकलैन मियां की पैदाइश (जन्म) बदायूँ के मशहूर कस्बा “ककराला” में 19 रबिउस्सानी 1366 हिजरी मुताबिक यानी 13 मार्च 1947 को जुमेरात के दिन हुई थी.आपका खानदान हमेशा से इल्म ओ अमल, समाज सेवा, गरीबों ज़रूरतमंदों की मदद करने में शमिल रहा है.आपके वालिद, दादा, नाना, मामू आदि सभी इलाक़े के इज़्ज़ततदार, दीनदार, जिम्मेदार लोग रहे हैं.आपकी शुरुआती तालीम (शिक्षा) वालिदा मोहतरमा, वालिद मोहतरम से हासिल की. इसके बाद मुकम्मल तालीम ओ तरबियत, इल्मे ज़ाहिर ओ बातिन की अपने पीरो मुरशिद दादा हुज़ूर हज़रत किब्ला शाह मौलाना शराफ़त अली मियां से हासिल फरमाई.पीरो मुरशिद हज़रत किब्ला शाह मौलाना शराफ़त अली मियां ने आपको 17 साल की उम्र में सन् 1964 ईस्वी में सिलसिले की इजाज़त ओ खिलाफ़त से नवाज़ा था.आपको 22 साल की उम्र में यानी 1969 में हज़रत पीरो मुरशिद शाह मौलाना शराफ़त अली मियां के विसाल के बाद ख़ानक़ाह शराफतिया के सज्जादानशीन हुए.
दरगाह शाह शराफत मियां के सज्जादानशीन हजरत शाह मुहम्मद सकलैन मियां की सरपरस्ती में दरगाह पर हमेशा गरीबों, और दूर से आने वाले जायरीन को खाना खिलाया जाता था.इसके साथ ही हिंदुस्तान भर में गरीब लड़कियों की शादी ब्याह कराके उनके घर बसाना आपका मशहूर वस्फ (काम) था.मुसीबत ज़दा, और परेशान हालों की आप बड़ी दिलजोई से फरयाद सुनते, और अपने दुआओं व फैज़ान से खूब नवाज़ते थे.आपने सिलसिला ए कादिरिया मुजद्दिदया के फरोग ओ तरक्की के लिए बड़ी सख़्त मेहनतें, मुजाहिदे किए कि मौजूद वक्त में पूरी दुनिया में ये सिलसिला एक मुस्तकिल सिलसिला ए सकलैनिया की शक्ल इख्तियार कर गया.
हज़रत सकलैन मियां के विसाल पर आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान दरगाह शाह शराफ़त मिया पहुंचे.उन्होंने मगफिरत को दुआएं की.मौलाना तौकीर रज़ा खां ने दुआ की.मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने बताया के मौलाना ने हज़रत गाज़ी मिया से मुलाक़ात की. मौलाना ने कहा कि हज़रत सकलैन मियां का इस तरह अचानक चले जाना बड़ा नुकसान है. हज़रत के चाहने वालों मुरीदो अज़ीज़ ओ अकारिब को अल्लाह सब्र ए जमील आता करे.इस दौरान डॉक्टर नफीस खान,नदीम खान,मुनीर इदरीसी,साजिद सकलैनी,रईस रज़ा,अतहर खान,मुहम्मद रज़ा आदि मौजूद थे.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद