पटना से पूर्णिया पहुंची निगरानी विभाग की टीम ने कल्याण विभाग के एक क्लर्क को उस समय रंगे हाथ दबोच लिया जब वे रेप और हत्या मामले में मृतका के पीड़ित भाई से 28 हजार रुपये घूस ले रहा था. घटना मंगलवार को करीब 10.30 बजे दिन में समाहरणालय परिसर में हुई. घूस लेते रंगे हाथों धराये क्लर्क संजय कुमार को गिरफ्तार कर निगरानी की टीम अपने साथ लेकर चली गयी.
निगरानी टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी अरूण पासवान ने बताया कि 27 जुलाई 2020 को सरसी थाना क्षेत्र के बेला घाट निवासी रूपेश कुमार की बहन काजल कुमारी का रेप के बाद हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में सरसी थाना कांड संख्या 27 जुलाई 2020 को सरसी थाना में कांड संख्या 105/20 दर्ज हुआ था. इसके बाद मृतका के परिजन को कल्याण विभाग द्वारा मृतका के पीड़ित परिवार को 8.25 लाख रुपये मुआवजा दिया गया था.
मृतका के परिवार को विभाग द्वारा 5850 रुपये प्रतिमाह राशि पेंशन के रूप में चालू किया गया. पेंशन का 58 हजार रुपये कल्याण विभाग पर पीड़ित परिवार का बकाया था. इस राशि के भुगतान के लिए मृतका के भाई रूपेश कुमार ने क्लर्क संजय कुमार ने 28 हजार रुपये घूस की मांग की थी.
बताया गया कि रूपेश कुमार घूस नहीं देने चाहता था. इस वजह से उसने बीते 27 जून को निगरानी विभाग पटना में मामले की लिखित शिकायत की. इस मामले का सत्यापन कराया गया और सत्य पाये जाने के बाद निगरानी की टीम ने जाल बिछा कर क्लर्क संजय कुमार को 28 हजार घूस लेते रंगे हाथ पकड़ लिया.
डीएसपी अरूण पासवान ने बताया कि संजय कुमार फिलहाल कल्याण विभाग में प्रभारी हेड क्लर्क है. उन्होंने बताया कि रेप और हत्या मामले में मृतका के परिवार को मुआवजे की रकम मिल चुका था. इसमें पेंशन के बकाये राशि के भुगतान में कल्याण विभाग के क्लर्क द्वारा 28 हजार रुपये घूस की मांग की गयी थी.
11 सदस्यीय निगरानी की टीम में डीएसपी अरूण कुमार एवं डीएसपी खुर्शीद आलम के अलावा इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार जायसवाल, सत्येन्द्र राम, पुलिस अवर निरीक्षक धर्मवीर सिंह, गणेश कुमार, अविनाश कुमार झा, सहायक अवर निरीक्षक रिषिकेश कुमार, सिपाही मणिकांत सिंह, रणधीर कुमार और शशिकांत सिंह शामिल थे.
Published By: Thakur Shaktilochan