पाकुड़ : जामकुंदर गांव में हाल के दिनों में हुई चार बच्चों और एक महिला की मौत के बाद जिला प्रशासन रेस है. रविवार को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची. इस दौरान बीमार पड़े तीन बच्चे और एक महिला को बेहतर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लिट्टीपाड़ा लाया गया. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार को बिंझा गांव में भी स्वास्थ्य शिविर लगाया गया. जिसमें 236 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गयी, जिसमें से मलेरिया का मामला सामने नहीं आया. वहीं शनिवार को जामकुंदर गांव में लगे शिविर में कुल 95 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई थी, जिसमें सात लोग मलेरिया से ग्रसित पाये गये थे. इनमें से पांच को इलाज के सीएचसी लिट्टीपाड़ा ले जाया गया था. इधर, सिविल सर्जन डॉ मंटू केजरीवाल ने बताया कि गांव में हो रही मौत की जांच तथा वर्बल ऑटोप्सी करायी जायेगी. रविवार की सुबह करीब 10 बजे जब प्रभात खबर के प्रतिनिधि जामकुंदर गांव पहुंचे. गांव में मातम पसरा हुआ था. गांव के कई घरों में बच्चे बीमार पड़े थे. दोपहर करीब एक बजे के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची. लिट्टीपाड़ा बीडीओ भी गांव पहुंचे. लोगों की स्वास्थ्य जांच की गयी, जिसमें तीन बच्चों और एक महिला को इलाज के लिए सीएचसी लिट्टीपाड़ा पहुंचाया गया. लगातार हुई मौत से ग्रामीणों में भय का माहौल देखा गया.
जामकुंदर गांव की पांच वर्षीय बच्ची रेशमा मुर्मू की मौत के कारण को जानने के लिए जिला प्रशासन जांच करायेगी. मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के धुलियान स्थित डीडीएच अस्पताल में इलाज के दौरान रेशमा मुर्मू की मौत हो गयी थी. उसके मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण सेरेब्रल मलेरिया बताया गया है. वहीं मलेरिया पारासाइट की जांच रिपोर्ट में नोट फाउंड लिखा गया है. जिसको लेकर रविवार को सिविल सर्जन डॉ मंटू टेकरीवाल ने बताया कि रेशमा मुर्मू सहित अन्य लोगों की मौत के कारण को लेकर जांच की जायेगी. लिट्टीपाड़ा बीडीओ के नेतृत्व में वर्बल ऑटोप्सी करायेगी जायेगी. इसके बाद मौत के कारण का पता चलेगा. सिविल सर्जन ने बताया कि प्रखंड के 148 गांवों में पिछले कई दिनों से सर्वे टीम सर्वे कर रही है. लोगों का स्वास्थ्य जांच की जा रही है. टीम अब तक 28 हजार लोगों की स्वास्थ्य जांच हुई है. सर्वे टीम ने अब तक 972 मलेरिया के मामलों को पकड़ा है. जिनका इलाज कर दिया गया है.
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