झारखंड में खाट पर ‘हेल्थ सिस्टम’, आदिम जनजाति बीमार महिला को पांच किलोमीटर पैदल चलकर ऐसे पहुंचाया अस्पताल
गांव में एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में परिजन जुगाड़ तकनीक का सहारा लेते हैं. सोमवार को बोरियो प्रखंड के पोखरिया पहाड़ की रहने वाली एक 60 वर्षीय बीमार पहाड़िया महिला बुधनी पहाड़िन को परिजन खाट पर लाद कर पांच किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता तय कर इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे.
साहिबगंज, सुनील ठाकुर: साहिबगंज जिले की 60 प्रतिशत आबादी पठारी व दियारा क्षेत्रों में निवास करती है. दियारा व कुछ पठारी क्षेत्रों में आवागमन के लिए सड़क तो उपलब्ध है, लेकिन कुछ पठारी क्षेत्रों में अब भी सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं है. लोग पगडंडी के सहारे आवागमन करते हैं. ऐसी स्थिति में इन गांवों के लोग कई सुविधाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं से भी वंचित हैं. बोरियो प्रखंड के पोखरिया पहाड़ की 60 वर्षीया बुजुर्ग महिला को एंबुलेंस या अन्य कोई वाहन नहीं मिलने पर इलाज के लिए खाट पर लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे और जांच करायी. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ मुकेश कुमार ने बुधनी पहाड़िन को टीबी बीमारी होने की आशंका जतायी है.
गांव नहीं आ पाती एंबुलेंस
गांव में एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में परिजन जुगाड़ तकनीक का सहारा लेकर अपना काम चलाते हैं. सोमवार को बोरियो प्रखंड के पोखरिया पहाड़ की रहने वाली एक 60 वर्षीय बीमार पहाड़िया महिला बुधनी पहाड़िन को परिजन खाट पर लाद कर पांच किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता तय कर इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सक डॉ मुकेश कुमार ने बीमार बुधनी पहाड़िन का इलाज किया.
सड़क खराब, नहीं मिल सकी कोई गाड़ी
इस मामले को लेकर बुधनी पहाड़िन के पति दोरदो पहाड़िया ने बताया कि अपने स्तर से गाड़ी के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन रास्ता खराब रहने के कारण कोई व्यवस्था नहीं हो सका. अंत में हमलोगों ने बुधनी को खाट में सुलाकर तीन मील चलकर सदर अस्पताल पहुचे.
बुधनी पहाड़िन को टीबी की आशंका
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ मुकेश कुमार ने बुधनी पहाड़िन को टीबी बीमारी होने की आशंका जतायी है.