यश चक्रवात के बाद सुंदरवन पर बारिश का कहर, डायमंड हार्बर में बवंडर देख सहमे लोग
Sundarban Cyclone|Sundarban Cyclone Yaas|Tornado|Diamond Harbor| दक्षिण 24 परगना में भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. घरों में पानी घुस रहा है. हैरान कर देने वाले नजारे को देख लोग हक्के-बक्के रह गये.
कोलकाता (नम्रता पांडेय): यश चक्रवात के बाद दक्षिण 24 परगना के सुंदरवन पर अब भारी बारिश ने कहर बरपाया है. 19 हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. डायमंड हार्बर में हुगली नदी पर बवंडर देख लोग सहम गये. अत्यधिक वर्षा के साथ-साथ हुगली नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है. प्रशासन जलभराव वाले इलाकों से लोगों को बाहर निकाल रहा है.
दक्षिण 24 परगना में भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों के घरों में पानी घुस रहा है. बवंडर के दौरान लोगों ने आकाश और नदी के बीच 10 मीटर लंबा एक जलस्तंभ देखा. बुधवार को दोपहर में इस नजारे को देख लोग हक्के-बक्के रह गये. इससे पहले सागरद्वीप में मिनी बवंडर देखा गया था. मिनी बवंडर सात मिनट तक चला और नदी के ऊपर से ही गुजर गया.
खास बातें
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19 हजार लोगों को तटीय इलाकों से राहत शिविरों में पहुंचाया गया
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96 रिलीफ कैंप व 108 रसोई के सहारे की जा रही लोगों की मदद
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10 मीटर लंबा जलस्तंभ देखकर हक्के-बक्के रह गये लोग
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, उत्तरी खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण मंगलवार दोपहर से पूरे दक्षिण बंगाल में बारिश शुरू हो गयी. मौसम विज्ञानियों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण ऐसे छोटे बवंडर देखे गये हैं. प्रत्यक्षदर्शी टाइटस नियोगी ने कहा कि दोपहर में उन्होंने नदी के किनारे टहलते हुए नदी के ऊपर एक छोटा बवंडर देखा, तो वह हैरान रह गये.
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सुंदरवन व आसपास के तटवर्ती क्षेत्रों में 25 मई को आये यश चक्रवात की वजह से हुए नुकसान से अभी लोगों को पूरी तरह निजात भी नहीं मिली थी कि तेज बारिश से कई नदियों का जस्तर बढ़ गया. फलस्वरूप आसपास के गांवों में बाढ़ आ गयी. लोगों के घरों तक में कमर तक पानी भर गया है. कच्चे घर ढहने की कागार पर हैं.
96 राहत शिविर और 108 रसोई घर
दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी ने एक बैठक करके तटवर्ती प्रभावित ब्लॉकों के अधिकारियों व पुलिस को लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्देश दिया. दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी डॉ पी उलगानाथन ने कहा है कि गोसाबा, बासंती, कुलतली व अन्य नौ ब्लॉकों में पानी घुसने के कारण प्रभावित क्षेत्रों के 19,047 लोगों को रिलीफ कैंप में पहुंचाया गया है. जिला प्रशासन ने अब तक 96 रिलीफ कैंप बनाये हैं, जहां पीड़ित लोगों को रखा गया है.
अब तक नहीं टूटा कोई तटबंध- प्रशासन
प्रशासन ने बताया कि गुरुवार दोपहर तक किसी बांध के टूटने की खबर नहीं है. तटवर्ती क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा के लिए 421 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स तैनात किये गये हैं. 20 बोट को नदियों में उतारा गया है. राहत शिविरों में लाये गये लोगों को अन्य तटवर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए मेडिकल टीम को गोसाबा, बासंती व कुलतली में भेजा गया है.
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दीवार गिरने से एक की मौत
जिलाधिकारी ने बताया है कि 3 नगरपालिका के 12 ब्लॉक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. कम से कम 6,346 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. 27 जुलाई से लगातार हो रही बारिश की वजह से कैनिंग-2 ब्लॉक में एक मकान की दीवार गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी.
उल्लेखनीय है कि जिले में निम्न दबाव बनने के कारण बुधवार से ही तेज हवा के साथ भारी बारिश हो रही है. इसकी वजह से एक बार फिर लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है. लोगों को आशंका है कि सुंदरवन में कई तटबंधटूट सकते हैं. लोग घरों में ही दुबके हुए हैं. सड़कों पर वाहन तक नजर नहीं आ रहे. ज्यादातर दुकानें बंद हैं.
भारी बारिश से सब्जियों व फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. कैनिंग, बारुईपुर, सोनारपुर, महेशतला, बजबज, संतोषपुर व अन्य कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं. बारुईपुर पुलिस के अनुसार मेईपीठ, गोसाबा व अन्य तटवर्ती क्षेत्रों से लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
Posted By: Mithilesh Jha