Gorakhpur: जेल में तैयार हो रही जड़ी बूटी, कैदी बता रहे किस बीमारियों में होगा इनका इस्तेमाल
गोरखपुर जिला मंडली कारागार के हर्बल पार्क में 30 प्रकार के जड़ी बूटियों के पौधे लगाए गए हैं और पार्क में लगे जड़ी बूटियों की देखभाल कोई और नहीं जेल में निरूद्ध बंदी ही करते हैं.
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला मंडली कारागार के हर्बल पार्क में 30 प्रकार के जड़ी बूटियों के पौधे लगाए गए हैं और पार्क में लगे जड़ी बूटियों की देखभाल कोई और नहीं जेल में निरूद्ध बंदी ही करते हैं. ताकि गंभीर बीमारियों में इस बूटियों का दवा के रूप में उपयोग किया जा सके. गोरखपुर के मंडली जिला जेल में हर्बल पार्क तैयार किया जा रहा है ताकि जेल में सजा काट रहे बंदियों को उच्च स्वास्थ्य और प्रकृति के रहस्यों के बारे में जानकारी हो सके और वह इससे जुड़ सकें. जेल में बंद कैदियों को जड़ी बूटियों के पौधे की खेती और देखभाल के लिए जेल प्रशासन की ओर से बकायदा ट्रेनिंग दिलवाई जाती है. ताकि जेल में सजा काट रहे बंदी जब अपनी सजा काटने के बाद जेल से बाहर जाएं तो उन्हें इस सीखे हुए गुर का इस्तेमाल कर अपने स्वयं के रोजगार की व्यवस्था कर अपना जीविकोपार्जन कर सकें और लोगों को भी इसकी शिक्षा दे सकें.
जेलर बोलें- बंदी जब बाहर जाएंगे तो रोजगार के लिए भटकना नहीं होगावहीं जेलर अरुण कुशवाहा ने बताया कि जेल में हर्बल खेती से जेल में बंद कैदियों को हर्बल खेती की जानकारी हो रही है खेती कैसे करना है और इन पौधों से क्या-क्या लाभ है इसकी जानकारी उन्हें मिल रही है. औषधि वाले पौधों को अलग-अलग जगहों से लाकर जेल के अंदर स्थित हर्बल पार्क में लगाने की व्यवस्था की जा रही है. जिसकी देखभाल बंदी करते हैं और इसका अब काफी सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में जब बंदी जेल से बाहर जाएंगे तो उन्हें रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. जेल के हर्बल खेती के बारे में जानकारी को अपने रोजगार के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे. उत्तर प्रदेश के कई जिलों के जेलों में हर्बल पार्क बनाया गया है जहां जड़ी बूटी वाले पौधें लगाए गए हैं.
गोरखपुर की जेल वाटिका में तुलसी, दालचीनी, इलायची, करीपत्ता ,एलोवेरा ,आंवला, सतावर, अजवाइन, करौंदा, हल्दी, पुदीना, लेमन ग्रास, बहेड़ा, तेजपत्ता ,अपराजिता, गिलोय, सहजन, खिरनी, सेव, कालमेघ ,चित्रक, स्टीविया मीठी तुलसी, सिंदूरी, अश्वगंधा भृंगराज, पत्थरचट्टा, अश्वगंधा सहित अन्य पौधे लगाए गए हैं. यह सब पौधे कोई ना कोई मर्ज ने दवा के रूप में इस्तेमाल किए जाते है.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप,गोरखपुर
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