हजारीबाग : टाटीझरिया में हाथियों के झुंड ने कई गांवो में मचाई तबाही, चट कर गए फसल, ग्रामीण हुए बेघर
हजारीबाग जिले में कई दिनों से हाथियों के झुंड ने आतंक मचा रखा है. मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हाथियों के दल ने कई गांवों में उत्पात मचाया. इस दौरान हाथियों ने ग्रामीणों के खेत में लगे फसलों को तहस-नहस कर दिया. कई लोगों के घरों को भी तोड़ डाला.
टाटीझरिया (हजारीबाग), सोनू पांडेय. हजारीबाग जिले के टाटीझरिया प्रखंड क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हाथियों के झुंड ने उत्पात मचा रखा है. मंगलवार की रात को हाथियों के दल ने गांव के कई मकान धवस्त कर दिया. साथ ही खेत में लगी फसलें जैसे मकई, केला बगान, बैगन आदि को भी नष्ट कर दिया. घर में रखे चावल, दाल, आटा भी खा गए. वहीं हाथियों के झुंड ने घर में रखे बर्तन, पलंग, खटिया, साइकिल, बक्सा आदि भी तोड़ डाले.
ग्रामीणों ने बताया कि सबसे पहले हाथियों के झुंड बेरहो गांव पहुंचे. वहां, हाथी के डर से भागने के दौरान बेरहो निवासी रूपलाल राम का बेटा विक्की राम घायल हो गया. उसे रात में ही हजारीबाग अस्पताल ले जाया गया. बेरहो में हाथियों ने बालेश्वर महतो, कामेश्वर प्रसाद कुशवाहा, कौलेश्वर महतो, दिनेश्वर महतो, अशोक महतो, काशी महतो के मकई के फसल को चट कर डाला. वहीं गणेश महतो, लखन महतो की चहारदिवारी तोड़ डाली और धान के बिचड़े को नष्ट कर दिया. भुदेव राम के खेत में लगी मकई, मूली सहित कई फसलों को हाथियों ने बर्बाद कर दिया है.
बेरहो के बाद डुमर गांव पहुंचा हाथी
बेरहो से आने के बाद बुधवार सुबह तीन बजे हाथियों का झुंड डुमर गांव पहुंचा, वहां टापू सिंह (पिता रघु सिंह) के मिट्टी के घर को पूरी तरह तोड़ कर तहस-नहस कर दिया. गनीमत रही की टापू सिंह की पत्नी सोनी देवी अपने दो बच्चे जिया कुमारी और जीविका कुमारी को लेकर बड़े ससुर जगन्नाथ सिंह के घर में थी, नहीं तो बड़ी घटना घट जाती. इसके अलावे हाथियों ने वहां मदन सिंह के मिट्टी के घर ध्वस्त कर दिया और धान व मकई के फसल को चट कर डाला. मदन के घर में पांच लोग थे. हाथियों की चिंघाड़ सुनकर सब घर में दुबक गए थे.
मदद और मुआवजे की मांग कर रही है पीड़ित सोनी देवी
ग्रामीणों ने बताया कि सुबह चार बजे हाथियों ने टापू सिंह के घर को अपना निशाना बनाया और घर को तोड़-फोड़कर रख दिया. इस दौरान घर में रखे गोदरेज, बर्तन, चावल, किताब, चौकी, पंखा सहित अन्य सभी घरेलू सामान को नष्ट कर दिया. अब उसकी पत्नी और उसके दो छोटे बच्चों के पास रहने के लिए घर नहीं है. सोनी देवी ने बताया कि तीन चार दिन पहले ही वह अपने मायके से आई थी. उसने बताया कि उसके पति टापू सिंह पुणे में मजदूरी का काम करते हैं. सोनी कहती हैं कि ‘हमारे रहने के लिए मात्र एक यही घर था, जिसे हाथियों ने तोड़ दिया है.’ सोनी देवी ने प्रशासन से जल्द एक आवास और बर्बाद हुए समान का मुआवजे की मांग की है.
हाथियों के उत्पात का शिकार हुए ये ग्रामीण
डुमर गांव में जमनी देवी (पति तुलसी प्रजापति) के 10 कट्ठा में लगे मकई के फसल को भी हाथियों ने नष्ट कर दिया. डुमर के युगल प्रजापति, बसंत प्रजापति, ईश्वर प्रजापति, तिलेश्वर प्रजापति, भुवनेश्वर प्रजापति व संतोष प्रजापति के फसलों को भी हाथियों ने बर्बाद कर दिया. इसके अलावा सुरेश सिंह, बहादूर सिंह, दिलिप सिंह, जगदीश सिंह के घरों को तोड़ डाला और घर के अंदर ड्राम में रखे अनाज को चट कर दिया. इसके बाद धरमपुर के जाकिर हुसैन, अनवर अंसारी, नुरेसा खातुन, मजीदन खातून के घर और खेतों में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. वहीं, धरमपुर के सुवरकोडा नदी के ऊपर दो एकड़ में लगे खीरा के फसल को बर्बाद कर दिया है. किसान पप्पु प्रजापति, संजीत प्रजापति, उदय प्रजापति, विक्रम प्रजापति समेत कई ने विभाग से मुआवजे की मांग की है.
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