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नवोदय छात्रा की संदिग्ध मौत मामले में हाईकोर्ट ने SIT से पूछा- प्रिंसिपल पर से क्यों हटा दी 302 की धारा?

allahabad high court: एसआईटी के अधिवक्ता के जवाब पर कोर्ट ने सवाल किया, कि प्रिंसिपल पर लगी धारा 302 को कैसे हटाया गया? उसकी गिरफ्तारी धारा 306 में कैसे की गई?

By Prabhat Khabar News Desk | December 17, 2021 10:30 AM

मैनपुरी में नवोदय छात्रा की स्कूल में संदिग्ध मौत मामले में एसआईटी के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है. एसआईटी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया की अभी तक मिले साक्ष्यों के आधार पर प्रिंसिपल को आईपीसी की धारा 306 आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए गिरफ्तार किया गया है.

एसआईटी के अधिवक्ता के जवाब पर कोर्ट ने सवाल किया, कि प्रिंसिपल पर लगी धारा 302 को कैसे हटाया गया? उसकी गिरफ्तारी धारा 306 में कैसे की गई? जिस पर हाईकोर्ट को एसआईटी के अफसरों ने जवाब दिया कि यदि हत्या के सबूत मिलते हैं तो धारा में परिवर्तन किया जाएगा.

कोर्ट को सरकार की तरफ से बताया गया कि अभी तक की जांच में छात्रा की हत्या के सबूत नहीं मिले हैं. SIT बड़ी बारीकी से हर पहलू पर जांच कर रही है. SIT का कहना है कि छात्रा ने आत्महत्या की है. जिसकी पारिवारिक वजह हो सकती है. साथ ही SIT ने छात्रा के एक पत्रिका भी जिक्र करते हुए कहा कि उसकी भी जांच की जा रही है.

SIT की तरफ से कोर्ट को बताया गया की मृतक छात्रा की मां विवेचना में सहयोग नहीं कर रही है. वही दो तारीखों पर कोर्ट में बयान दर्ज कराने नहीं आई. इस पर मृतक की मां की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोनों बार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते उसका बयान नहीं हो सका था. एसआईटी ने कोर्ट से कहा कि वह मृतक की मां की नारकोटिक टेस्ट कराना चाहती है, जिसपर हाईकोर्ट ने कह कि वह संबंधित कोर्ट में इसकी एप्लीकेशन दे.

इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की बेंच में महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर चल रही है. नवोदय विद्यालय में संदिग्ध हालत में मृत मिली छात्रा की तरफ से याचिका करता महेंद्र प्रताप सिंह स्वयं पैरवी कर रहे हैं. मामले में अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी.

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इनपुट : एसके इलाहाबादी

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