कलकता हाईकोर्ट ने नगरपालिका कर्मचारियों के बकाया का भुगतान करने पर विचार करने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है. हाईकोर्ट का कहना है कि जो लोग लंबे समय से नगर पालिका को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, उन्हें उनके उचित अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने प्रमुख सचिव (नगरपालिका मामले) से कहा कि वे नियमितीकरण और पेंशन की मांग कर रहे हुगली जिले के चुंचुड़ा नगर पालिका के 28 नगरपालिका कर्मचारियों के बकाया वेतन और अन्य लाभों के निपटान पर विचार करने का आदेश दिया है. इससे पहले जस्टिस सौगत भट्टाचार्य ने नवद्वीप नगर पालिका के 7 कर्मचारियों द्वारा लाए गए मामले में भी यही आदेश दिया था. इससे पहले जस्टिस सौगत भट्टाचार्य ने नबद्वीप नगर पालिका के 7 कर्मचारियों द्वारा लाए गए मामले में भी यही आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा कि वंचित कर्मचारियों के बारे में तुरंत फैसला लिया जाये.
याचिकाकर्ता के वकील प्रोसेनजीत मुखोपाध्याय और अर्घ्यकमल दास ने कहा कि 1992 से याचिकाकर्ता भोलानाथ दास समेत 28 लोग अस्थायी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं. इन्हें स्थायी करने के साथ अन्य लाभ देने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में केस दायर किया गया था. जब मामला अधिकारों के सवाल पर और बकाया वेतन की मांग पर है तो 9 साल की कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार नवद्वीप और चुंचुड़ा के पूरे स्टाफ की जीत हुई.
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निताई चंद्र सिंह के साथ नबद्वीप के 7 अस्थाई कर्मचारी के वकील इंद्रदीप पाल ने कहा, निताई चंद्र सिंह 1984 और 1987 के बीच कई बार नबद्वीप नगर पालिका में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (ग्रुप-डी) के रूप में काम कर रहे थे. इनकी नियुक्ति तत्कालीन बंगाल नगरपालिका अधिनियम-1932 के तहत की गयी थी. तब से वे नगर पालिका को नियमानुसार सेवाएं दे रहे हैं. नियुक्ति के अनुसार उन्हें महीने दर महीने वेतन भी मिलता रहा है.
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नंदीग्राम में पंचायत चुनाव जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों ने केंद्रीय सुरक्षा की मांग को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बुधवार को नंदीग्राम में बोर्ड का गठन होने वाला है. इससे पहले नंदीग्राम के दो ब्लॉकों की 17 पंचायतों में विजयी भाजपा उम्मीदवारों ने आशंका जाहिर की है, उन्हें झूठे मामलों में गिरफ्तार किया जा सकता है. ताकि वे बोर्ड गठन की प्रक्रिया में हिस्सा न ले सकें. भाजपा उम्मीदवारों की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है. याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा कि नंदीग्राम के 2 ब्लॉकों की 17 पंचायतों के विजयी भाजपा उम्मीदवार बोर्ड गठन में उपस्थित न हो सकें, इसके लिए पुलिस पहले से ही सक्रिय है.
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कई लोगों को पुलिस द्वारा पुराने मामलों में तलब किया जा रहा है. सिर्फ यही नहीं तृणमूल कार्यकर्ता विजयी उम्मीदवारों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं दे रही हैं. इससे पहले हाइकोर्ट ने नंदीग्राम में जीते 15 भाजपा उम्मीदवारों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. भाजपा की ओर से कोर्ट में आरोप लगाया गया कि अब तक 18 एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं, ताकि भाजपा बोर्ड न बना सके. आरोप यह भी है कि भाजपा, माकपा, कांग्रेस और कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों को नदिया के राणाघाट ब्लॉक नंबर 1, हबीबपुर, दक्षिण 24 परगना सहित विभिन्न जिलों में बोर्ड गठन में भाग लेने से रोका गया है. याचिका में बोर्ड गठन के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गयी. कोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर ली है और मंगलवार को इस पर सुनवाई होने की संभावना है.
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पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान सबसे अधिक हिंसा की घटनाएं घटी है. लगभग 50 से अधिक लोगों की मौत के मामले दर्ज किये गये थे. गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के दौरान बम बनाने की घटना के साथ ही बम ब्लास्ट की घटना भांगड़ में सबसे अधिक हुई थी . कई जगहों पर भाजपा समर्थकों के साथ मारपीट की घटना भी सामने आई थी. कई मामले कोर्ट में चल रहे हैं. भाजपा के आरोपों से हालांकि तृणमूल ने इंकार ही किया है.
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