कोलकाताः तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के बावजूद नंदीग्राम के चुनाव परिणाम को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई जस्टिस कौशिक चंद की एकल बेंच में ही हुई. ममता की ओर से इस केस में बेंच बदलने की मांग की गयी थी.
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की मांग वाली याचिका के बारे में जस्टिस कौशिक चंद ने कहा कि याचिकाकर्ता को मामले को किसी और बेंच में ट्रांसफर करने की मांग करने का पूरा अधिकार है. वह किसी भी तरह की मांग करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन किसी भी याचिका पर फैसला न्याय व्यवस्था के अनुरूप ही होगा.
नंदीग्राम में तृणमूल सुप्रीमो की शिकस्त के बाद मतगणना में कथित धांधली की जांच संबंधित याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा की अदालत में हुई. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी की आपत्ति के बावजूद मामले को दूसरे जज की बेंच में शिफ्ट नहीं किया गया.
दरअसल, बंगाल चुनाव 2021 में नंदीग्राम विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और ममता बनर्जी के पूर्व सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें 1957 वोटों के अंतर से हरा दिया था. इसके बाद ममता बनर्जी ने दावा किया कि मतगणना के दौरान धांधली की गयी थी और गणना अधिकारी को शुभेंदु अधिकारी और उनके अन्य सहयोगियों ने धमकी दी थी.
इस मामले में पुनः मतगणना की मांग पर ममता ने हाइकोर्ट में याचिका लगायी. पिछले हफ्ते इस मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट के वकीलों के एक वर्ग ने जस्टिस कौशिक चंद के खिलाफ प्रदर्शन किया. शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए वकीलों ने कहा कि जस्टिस चंद के भाजपा से संबंध रहे हैं, इसलिए उन्हें इस मामले से अलग किया जाये.
हालांकि, उस दिन भी जस्टिस कौशिक चंद ने मामले की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद ने कहा था कि नियमानुसार याचिका लगाने वाले को कोर्ट में मौजूद रहना पड़ता है, तो क्या मुख्यमंत्री कोर्ट में हाजिर होंगी? इसके बाद मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिये.
बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ जस्टिस कौशिक चंद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करके तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया था कि जस्टिस चंद भाजपा के करीबी हैं. उसके बाद पार्टी की ओर से एक याचिका लगायी गयी, जिसमें ममता बनर्जी द्वारा दाखिल नंदीग्राम मामले को दूसरे जज की अदालत में शिफ्ट करने की मांग की गयी. हालांकि, इसे महत्व नहीं दिया गया.
Posted By: Mithilesh Jha