पश्चिम बंगाल में विधानसभा (Assembly) में गुरुवार को भी हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. दोपहर 3-5 बजे के बीच विधानसभा परिसर में जम कर हंगामा हुआ. केंद्रीय उपेक्षा के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के पूर्व घोषित तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन का आज आखिरी दिन था. ऐसे में सत्तापक्ष के विधायक व मंत्री विधानसभा परिसर में आंबेडकर की मूर्ति के सामने धरना पर बैठे हुए थे. सत्तापक्ष की ओर से थालियां बजाकर केंद्र सरकार का विरोध जताया जा रहा था. वे चोर-चोर का नारा लगा थे. इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी विधानसभा से निकल रहे थे. उनके निकलते देख तृणमूल कांग्रेस के विधायक जोर-जोर से चिल्लाने लगे. साथ में थाली भी बजा रहे थे. यह सब देख शुभेंदु अधिकारी अपना आपा खो बैठे. वह अपनी गाड़ी में ना बैठक कर दोबोरा विधानसभा सभागार के मुख्य प्रवेश द्वारा पर बैठे गये.
शुभेंदु अधिकारी विधानसभा लॉबी के विपरीत दिशा में धरने पर बैठे थे. भाजपा विधायक कप, कटोरी, बांसुरी भी लेकर आये और धरने पर बैठ गये. भाजपा के विधायक सत्तारूढ़ दल को जवाब देने के लिए सस्पेन (चाय बनाने वाली बर्तन) पोस्टर, प्लेट, थाली व कप बजा कर विरोध कर रहे थे. शुभेंदु के साथ भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा, शंकर घोष समेत कुछ अन्य विधायक भी थे. बाद में भाजपा ने घंटी व झुनझुना खरीदा कर मंगवाया गया. दोनों दलों को देख कर ऐसा लग रहा था मानो विधानसभा में बर्तन बजाने की प्रतियोगिता चल रहा हो.
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तृणमूल की ओर से बाप चोर बेटा चोर का नारा दिया जा रहा था. वहीं भाजपा की ओर से दीदी चोर, तृणमूल के सभी चोर का नारा लगाया जा रहा था. नारेबाजे के कारण माहौल गरमा गया था. स्थिति को संभालने के लिए विधानसभा के परिसर के भीतर भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. डीसी सेंट्रल दिनेश कुमार, ज्वाइंट सीटी (ई) मिराज खालीद, डीसी ईबी राहुल दे समेत पुलिस के कई आला अधिकारी विधानसभा परिसर के अन्दर तैनात थे. ज्ञात हो कि ,राष्ट्रगान का अपमान करने और बिना इजाजत विधानसभा में धरना देने के मामले में भाजपा के 12 सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी है.
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