शिक्षित लोगों में मानसिक रोगों की समस्या ज्यादा है. पढ़े-लिखे लोगों में मानसिक बीमारियां बढ़ रही हैं. ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग ही डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. इसलिए लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी बहुत जरूरी है. ये बातें नाम्या इस्माइल फाउंडेशन वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर की डॉ श्रद्धा सुमन ने शुक्रवार को बहरागोड़ा कॉलेज में कहीं.
बीएड संकाय में मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशाला
पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अनुमंडल स्थित बहरागोड़ा कॉलेज के बीएड संकाय माटिहाना में मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था. आयोजन नाम्या इस्माइल फाउंडेशन वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर की ओर से हुआ था. इसकी अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ बीके बेहरा ने की.
पढ़े-लिखे लोग हो रहे हैं अवसाद का शिकार
फाउंडेशन की डॉ श्रद्धा सुमन ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के बावजूद मानसिक रोग से पीड़ित व अवसाद में जाने वालों लोगों की तादाद काफी तेजी से बढ़ रही है. इसमें विभिन्न मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों में उच्च शिक्षित लोगों की संख्या ज्यादा है. यही वजह है कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा ज्यादा जरूरी है.
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है : प्राचार्य
डॉ बेहरा ने कहा कि पुरानी कहावत है, स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है. लेकिन आज शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष बल देने की जरूरत है. विश्व में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत है. मानसिक स्वास्थ्य पर बल देकर सुदृढ़ भारत के निर्माण में हम योगदान दे सकते हैं. मौके पर रिशु रंजन, सौरभ महंती, सुचौरती सरकार, डीके सिंह, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ डीके चौधरी, राजीव प्रियदर्शनम, समरेंद्र रंजन सिंह, संजय करकट्टा, डॉ बीबी नायक आदि मौजूद थे.