Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मैदान सज चुका है. इसी कड़ी में बीजेपी, कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में अपना चुनावी अभियान तेज कर दिया है. यहां बताते चलें कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश और गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था. हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने नए जोश के साथ एंट्री की है. जिसके बाद, दोनों ही राज्यों में इस बार चुनावी मुकाबले के त्रिकोणीय होने की संभावना बढ़ गई है. इससे सत्तारुढ़ बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के लिए भी मुकाबला मुश्किल हो गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस बार गुजरात के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी पूरा जोर लगा दिया है. जिस तरीके से अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के प्रमुख नेता बीजेपी और कांग्रेस पर हमलावर दिख रहे है, साफ है कि इन दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी ने बड़ा टारगेट तय किया है. जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों की टेंशन बढ़ी है. कांग्रेस की एक मुश्किल यह भी है कि राहुल गांधी इन दिनों कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे है और ऐसे में वे हिमाचल और गुजरात में चुनावी दौरा नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि, उनकी पार्टी के अन्य नेता इन राज्यों में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने में जुट गए है. वहीं, राजनीति के जानकारों का कहना है कि इन दोनों राज्यों में बीजेपी कांग्रेस से ज्यादा AAP को टारगेट कर रही है. बताया जा रहा है कि बीजेपी की समस्या यह है कि आम आदमी पार्टी के नेता भी अब हिंदुत्व की भाषा बोल रहे है.
बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी एक बार फिर मोदी लहर के भरोसे है. वहीं, कांग्रेस को हिमाचल में एक बार फिर सत्ता विरोधी लहर से उम्मीद है. बताते चलें कि हिमाचल की राजनीति का जो ट्रेंड रहा है, वह इस बार बीजेपी के पक्ष में नहीं है. इसी के मद्देनजर बीजेपी सत्ता वापसी के लिए हर एक सीट पर विशेष रणनीति बना रही है और उसी के हिसाब से पार्टी के नेताओं को मेहनत करने का निर्देश भी दिया गया है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल की राजनीति अब तक कांग्रेस और बीजेपी के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है. हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव में ताल ठोक रही है. बीजेपी नेता भले ही यह दावा कर रहे हो कि AAP का मुकाबला कांग्रेस से ही होगा. लेकिन, त्रिकोणीय मुकालबा होने पर कांग्रेस के साथ ही बीजेपी को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. खासकर हिमाचल की उन सीटों पर जो पंजाब से लगी हुई हैं. बताते चलें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है.