हिमाचल प्रदेश चुनाव 2022: सीट बदलने से भड़के बीजेपी के ये दिग्गज, जानिए कौन है सुरेश भारद्वाज?
शिमला शहरी सीट से विधायक और जयराम सरकार में मंत्री सुरेश भारद्वाज को इस बार शिमला शहरी की बजाय कुसुम्पटी सीट से टिकट दिया गया है. ऐसे में सुरेश भारद्वाज के समर्थकों ने पार्टी हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
हिमाचल प्रदेश चुनाव 2022: हिमाचल प्रदेश पूरी तरह से चुनावी माहौल में रंग चुका है. विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान किया जा चुका है. चुनावी मैदान में उतरने के लिए राजनीतिक दलों ने भी अपने पार्टी के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. ऐसे में अपनी मनपसंद सीट ना मिलने पर कई राजनेताओं ने आलाकमान के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है. विरोध की ये आंच राजधानी शिमला में भी पहुंच गई है.
शिमला शहरी की बजाय दिया गया कुसुम्पटी सीट से टिकट
शिमला शहरी सीट से विधायक और जयराम सरकार में मंत्री सुरेश भारद्वाज को इस बार शिमला शहरी की बजाय कुसुम्पटी सीट से टिकट दिया गया है. ऐसे में सुरेश भारद्वाज के समर्थकों ने पार्टी हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार सुबह टिकटों का ऐलान होते ही सुरेश भारद्वाज का टिकट बदलने का विरोध करते हुए उनके समर्थक घर के सामने ही धरने पर बैठ गए.
सुरेश भारद्वाज का राजनीतिक सफर
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सुरेश भारद्वाज कॉलेज के दौरान छात्र आंदोलन में सक्रिय रहे हैं.
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वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में राष्ट्रीय सचिव के पद पर कार्यरत रहे हैं.
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आपातकाल (1975-77) के दौरान वे कई बार जेल गए.
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1977 में, वह हिमाचल प्रदेश डेमोक्रेटिक फ्रंट के संयोजक बने.
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वह जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं.
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1978-81 में हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बना.
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1987-88 में वे भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के सचिव बने.
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वह 2003-2006 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे.
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1990 में पहली बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए. हिमाचल सरकार के साथ-साथ वे सदन की कई अन्य समितियों के सदस्य भी रहे.
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वर्ष 2002 में राज्यसभा के लिए चुने गए.
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दिसंबर 2007 में विधान सभा के लिए फिर से निर्वाचित, मुख्य सचेतक, भारतीय जनता विधायक दल और अध्यक्ष, मानव विकास समिति थे.
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वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए.
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वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए पुन: निर्वाचित.