Loading election data...

Hindi Diwas 2023: अलीगढ़ में संगोष्ठी का हुआ आयोजन, डॉ. पुष्पेंद्र बोले- विश्व में भाषा की भागीरथी है हिंदी

अलीगढ़ में हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर गांधीपार्क चौराहे स्थित धीरज पैलेस के सिटी क्लब में आयोजित हिंदी प्रसार में सिनेमा और समाचार पत्रों का योगदान विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए.

By Prabhat Khabar News Desk | September 14, 2023 8:52 AM

Hindi Diwas 2023: भारत सहित पूरे विश्व में हिंदी भाषा-भाषाओं की भागीरथी है. हिंदी को जन जन तक पहुंचाने में सिनेमा और समाचार पत्रों का अहम योगदान है. वर्तमान में हिंदी का वर्चस्व बढ़ रहा है. उक्त विचार हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर गांधीपार्क चौराहे स्थित धीरज पैलेस के सिटी क्लब में आयोजित हिंदी प्रसार में सिनेमा और समाचार पत्रों का योगदान विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किया.

कार्यक्रम में पूर्व एमएलसी विवेक बंसल ने कहा कि हिंदी ने हम सब में एक नयी चेतना जाग्रत की है, चाहें साहित्यकार हों, समाचार पत्र अथवा सिनेमा जगत, सभी ने हिंदी को समृद्ध बनाया है. आज हिंदी समाचार पत्र आमजन की दिनचर्या का एक अभिन्न अंग बन गए हैं.

मशहूर शायर जॉनी फॉस्टर ने कहा कि जिस भाषा में हम सब सपना देखते हैं वह हिंदी है. हिंदी का आकर्षण इसका लचीलापन है. विदेशी लोगों में भी हिंदी के प्रति खासा रूझान बढ़ा है. पत्रकार मार्कटुली और कलाकार टॉम अल्टर को हिंदी का बहुत अच्छा ज्ञान रहा. संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि हिंदी में ही पहला अखबार उदण्ड मार्तंड निकला था. हिंदी बहता हुआ समुद्र है, जिसकी शाखा नदियां अन्य भाषाएं हैं. हिंदी समाचार पत्र और हिंदी सिनेमा को समानान्तर 106 वर्ष हो गए हैं. हमारे 52 शक्तिपीठ हैं और हिंदी के 52 अक्षर हैं. हर शक्तिपीठ से एक अक्षर जुड़ा हुआ है.

केंद्रीय हिंदी प्रोत्साहन समिति के सदस्य और संगोष्ठी संयोजक पंकज धीरज ने कहा कि आज विदेशी फिल्मों और साउथ या अन्य क्षेत्रों की फिल्मों को भी हिंदी में कॉपी कर प्रदर्शित किया जाता है. जो हिंदी की महत्ता को दर्शाता है. वहीं, विख्यात हास्य व्यंग्य के कवि प्रेम किशोर पटाखा ने कहा कि हिंदी आज के समय में भाषाओं की भगीरथी है, आज हिंदी बहुत प्रचलित और शुलभ भाषा है. विश्व गुरू बन रहे भारत का यही मुकुट बनेगी.

शिक्षाविद् डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि हिंदी भाषा जन-जन तक पहुंच रही है. वर्तमान समय में हिंदी के साथ-साथ संस्कृत भाषा को भी अधिक महत्व दिया जा रहा है. लेकिन आज आवश्यकता है विशुद्ध हिंदी भाषा को प्रचलन में लाया जाये. आने वाले समय में हिंदी का भविष्य सुनहरा है.

शिक्षाविद् डॉ. पुष्पेंद्र पचौरी ने कहा कि सार्वभौमिक है कि हिंदी को जन-जन तक पहुंचाने में समाचार पत्रों और सिनेमा का बहुत बढ़ा योगदान रहा है. हिंदी भाषा को अभी और प्रचारित-प्रसारित करने की आवश्यकता है. बॉलीवुड निर्माता व कलाकार भूपेद्र सिंह ने कहा कि हिंदी एक सरल भाषा है और बॉलीवुड जगत हिंदी भाषा पर ही टिका हुआ है. अंग्रेजी और अन्य भाषाओं से पहले हिंदी सबसे प्रचलित भाषा है. डॉ. अंशु सक्सेना ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी अंग्रेजी के पीछे भागना छोड़ हिंदी को अपना प्रतिष्ठा की प्रतीक बना रही है. अब युवा पीढ़ी धीरे-धीरे हिंदी के महत्व को समझ रही है.

Next Article

Exit mobile version