Hindu Nav Varsh 2023, Nav Samvatsar 2080: हर साल नव संवत का प्रारम्भ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है. साल 2023 में हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080, पिंगल संवत्सर का स्वागत बुधवार 22 मार्च 2023 के दिन किया जायेगा. इस संवत्सर का नाम नल होगा और इसके अधिपति बुध ग्रह और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे.
प्राचीन काल में दुनिया भर में मार्च को ही वर्ष का पहला महीना माना जाता था. आज भी बहीखाते का नवीनीकरण और मंगल कार्य की शुरुआत मार्च में ही होती है. ज्योतिष विद्या में ग्रह, ऋतु, मास, तिथि एवं पक्ष आदि की गणना भी चैत्र प्रतिपदा से ही की जाती है.
चैत्र माह की शुरुआत शुक्ल प्रतिपदा से होती है यह कल्पादि तिथि है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से ही सत युग का प्रारंभ माना जाता है. इस दिन पहले तो सभी को नववर्ष की बधाईं दें. फिर इस माह के प्रारंभ से चार मास तक जलदान करना चाहिए.
हिन्दू धर्म के माह के दो हिस्से होते हैं पहला शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष. चैत्र माह की शुरुआत शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होती है. शुक्ल अर्थात जब चंद्र की कलाएं बढ़ती है और फिर अंत में पूर्णिमा आती है.
हिन्दू नव वर्ष पूजा-पाठ के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.हिन्दू नव वर्ष की जब शुरुआत होती है तब चैत्र का महीने होता है और बसंत ऋतु का आगमन होता है.चैत्र माह और हिन्दू नव वर्ष का पहला त्यौहार नवरात्रि पड़ता है जिसमें 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूर्ण श्रद्धा से पूजा की जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. prabhatkhabar.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)