Historical moment: करीब 88 वर्षों बाद दो भागों में विभाजित कोसी और मिथिलांचल के बीच एक बार फिर से रेल सफर शुरू हो गया. झंझारपुर से सहरसा के बीच एक बार फिर से विकास की सीटी बजने लगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से झंझारपुर से सहरसा के बीच 05553 सवारी ट्रेन को हरी झंडी दिखायी. तेनुघाट, अंकोलेकर, झंझारपुर में पहले से तैयारियां पूरी थी. सीपीआरओ राजेश कुमार के अलावा समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम आलोक अग्रवाल भी मौजूद थे. इसके अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
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कोसी और मिथिलांचल क्षेत्र की बड़ी आबादी के लिए रेल के इस विशाल नेटवर्क से जुड़ने के बाद समृद्धि, आर्थिक और विकास का एक नया द्वार खुल जायेगा. हालांकि, रेल मंत्री द्वारा उद्घाटन को लेकर शनिवार को रूटीन ट्रेन झंझारपुर से सहरसा के बीच ही चलायी गयी. रविवार से लहेरियासराय से दरभंगा वाया झंझारपुर, सकरी, आसनपुर, सरायगढ़, सुपौल होकर तीन सवारी डेमू पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरू होगा. रेलवे की यह पहली उपलब्धि होगी, जहां बड़ी रेल लाइन लोकार्पण के दौरान तीन ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकेगा.
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समस्तीपुर डिविजन के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 1934 के बाद एक बार फिर से कोसी और मिथिलांचल एक होगा. समृद्धि और विकास के पथ पर एक नया रास्ता खुलेगा. फारबिसगंज रूट चालू होने के बाद कोसी और मिथिलांचल का सीधा संपर्क पूर्वोत्तर राज्य से होगा. भविष्य में कई नयी ट्रेन चलाने का भी प्रपोजल है.
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हाजीपुर मुख्यालय के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि कोसी और मिथिलांचल के बीच नये सेक्शन पर रेल मंत्री द्वारा वीडियो लिंक के माध्यम से ट्रेन को हरी झंडी दिखायी गयी. इस दौरान झंझारपुर से सहरसा के लिए सवारी ट्रेन चलायी गयी. रविवार से लहेरियासराय से दरभंगा होकर सहरसा का बीच तीन सवारी ट्रेन का परिचालन शुरू होगा. रेल नेटवर्किंग सेवा शुरू होने से कोसी और मिथिलांचल के बीच और भी बेहतर संबंध बनेंगे. कोसी क्षेत्र का मक्का सीधा नेपाल जा सकेगा. व्यापारिक संबंध के साथ मधुर संबंध भी बनेंगे. हजारों लोगों को रोजगार का एक नया अवसर मिलेगा. समृद्धि और आर्थिक विकास का एक नया रास्ता खुल गया है.