Aligarh News: हिस्ट्रीशीटर नौशे व चंदा की हत्या में पांच दोषियों को फांसी की सजा और एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. दोषी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे.
हिस्ट्रीशीटर नौशे व चंदा हत्याकांड के मामले में एहसान पुत्र सुलेमान, आसिफ ठाकुर पुत्र बाबू खान, कपिल पुत्र मुर्सलीन, वकील पुत्र जहीर, भूरा पुत्र नूर मोहम्मद को फांसी की सुनाई गई. हत्याकांड के मास्टरमाइंड अधिवक्ता गयासुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. मुल्जिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने फांसी, उम्रकैद के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करने का निर्णय किया है.
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दोषियों के हाईकोर्ट में जाने की बात पर अभियोजन पक्ष के एडीजीसी कृष्ण मुरारी जौहरी ने कहा है कि हाईकोर्ट में भी मजबूती से पैरवी की जाएगी, ताकि सजा बरकरार रहे. हिस्ट्रीशीटर नौशे व चंदा की हत्या षड्यंत्र के तहत की गई थी. धोखे से बुलाकर मारा गया था. मुंह में पिस्टल रखकर गोली चलाई गई थी और फिर ईंट पत्थर से कुचल दिया गया था, इसलिए अदालत ने फांसी की सजा दी.
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नौशे व चंदा हत्याकांड में फांसी की सजा पाए 5 कैदियों समेत अब अलीगढ़ की जेल में फांसी की सजा वाले छह कैदी हो गए हैं. एक फांसी की सजा वाला कैदी हाथरस का चंद्रपाल है, जिसे 5 महीने पहले दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी.
हत्याकांड में मारे गए नौशे पर हत्या लूट जानलेवा हमले के 10 मुकदमे दिल्ली गेट थाने में दर्ज थे. चंदा पर सासनी गेट थाने में 17 मुकदमे चल रहे हैं. हत्याकांड में दोषी वकील कपिल भूरा पर भी डकैती हत्या और लूट के मुकदमे दर्ज हैं.
24 जुलाई 2015 को आधी रात के बाद दिल्ली गेट के लाल मस्जिद खेर रोड निवासी नौशे पुत्र मुन्ने खां और शाह जमाल निवासी चंदा उर्फ आसिफ पुत्र रईस दोस्त थे. नौशे प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था. दोनों हिस्ट्रीशीटर थे. नौशे के पुत्र राजा द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट के अनुसार, वह घर की चाबी लेने के लिए नौशे को तलाश करते हुए शाहिद पोलिस वालों के मकान के पास पहुंचे, तो देखा कि नौशे व चंदा को आसिफ ठाकुर, कफील, वकील, भूरा घेरे हुए थे. पिस्टल व तमंचा से फायर कर रहे थे. गोली लगने से नौशे व चंदा दोनों गिर पड़े. इसके बाद उन्हें ईंट, पत्थरों से कुचला गया. नौशे का वकील गयासुद्दीन से जमीनी विवाद था, इस कारण सुपारी देकर नौशे व चंदा की हत्या कराई गई.
रिपोर्ट – चमन शर्मा, अलीगढ़