Hockey World Cup 2023: हॉकी विश्व कप का शुभारंभ, राउरकेला और भुवनेश्वर में खेले जायेंगे चार मुकाबले

1948 से भारत ने अब तक स्पेन के खिलाफ 30 मैच खेलें हैं, 13 मैच जीते, जबकि 11 हारें हैं, छह मैच ड्रॉ रहे. विश्व रैकिंग में आठवें स्थान पर काबिज स्पेन भारत के लिए कभी आसान प्रतिद्वंद्वी नहीं रहा, हालांकि वह टूर्नामेंट की सबसे युवा टीमों में से है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2023 7:34 AM
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राउरकेला, ललित नारायण सिंह: ओडिशा के भुवनेश्वर और राउरकेला में शुक्रवार से एफआइएच पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 का आगाज होगा. पहले दिन चार मैच खेले जायेंगे, जिसमें से दो भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम और दो राउरकेला में नवनिर्मित देश के सबसे बड़े वीर बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में होंगे. मेजबान भारतीय हॉकी टीम शुक्रवार को राउरकेला में स्पेन के खिलाफ पहले मैच में जीत से टूर्नामेंट में शुरुआत करना चाहेगी, ताकि क्वार्टर फाइनल में सीधे जगह बना सके. तोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर पुराना गौरव लौटाने की दिशा में पहला कदम रख चुकी भारतीय हॉकी टीम का इरादा विश्व कप में पदक के लिए 48 साल का इंतजार खत्म करने का होगा. ओलिंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीत चुकी भारतीय टीम ने एकमात्र विश्व कप 1975 में अजितपाल सिंह की कप्तानी में जीता था. इसके बाद से टीम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी है. इससे पहले 1971 में पहले विश्व कप में भारत ने कांस्य व 1973 में रजत पदक जीता था.

आज खेलें जायेंगे तीन और मैच

1. अर्जेंटीना बनाम दक्षिण अफ्रीका

दोपहर 1.00 बजे, भुवनेश्वर

2. ऑस्ट्रेलिया बनाम फ्रांस

दोपहर 3.00 बजे, भुवनेश्वर

3. इंग्लैंड बनाम वेल्स

शाम 5.00 बजे, राउरकेला

16 टीम दिखायेंगी दम

पुरुष विश्व कप हॉकी का यह 15वां संस्करण है, जिसमें 16 टीम हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें चार ग्रुप में बांटा गया है. हर ग्रुप से शीर्ष टीम सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी और दूसरे तथा तीसरे स्थान की टीमों के बीच क्रॉसओवर मैच होंगे. विजेता क्वार्टर फाइनल में जायेगा.

आज इतिहास रचेगा राउरकेला…

शुक्रवार को विश्व कप की पहली बार मेजबानी कर स्मार्ट सिटी राउरकेला इतिहास रचेगा. इसके लिए पूरा शहर तैयार है. हालांकि ओडिशा लगातार दूसरी बार विश्व कप की मेजबानी कर रहा है. इससे पहले 2018 में भुवनेश्वर ने कलिंगा स्टेडियम में विश्व कप की मेजबानी की थी, जिसमें बेल्जियम की टीम विजेता रही थी, जबकि नीदरलैंड उपविजेता और आस्ट्रेलिया की टीम तीसरे स्थान पर रही थी. वहीं मेजबान भारत की टीम छठे स्थान पर रही थी. इस बार टीम को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. तोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर पुराना गौरव लौटाने की दिशा में पहला कदम रख चुकी भारतीय हॉकी टीम अब विश्व कप में अपने समृद्ध इतिहास को और समृद्ध बनाना चाहेगी. ओलिंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीत चुकी भारतीय टीम ने एकमात्र विश्व कप 1975 में कुआलालंपुर में अजितपाल सिंह की कप्तानी में जीता था. उसके बाद से टीम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी है.

विश्व कप में लोकल ब्वॉय रोहिदास और नीलम संजीव खेस पर रहेगी सबकी नजर

इस विश्व कप में भारतीय टीम में कप्तान हरमनप्रीत सिंह के साथ लोकल ब्वॉय डिफेंडर अमित रोहिदास और डिफेंडर नीलम संजीव खेस पर सबकी नजर रहेगी. सुंदरगढ़ जिले अमित रोहिदास टीम के उपकप्तान भी हैं. अमित ने 127 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और 18 गोल किया है. डिफेंडर अमित रोहिदास भी काफी अनुभवी हैं और पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ भी हैं. वहीं, नीलम संजीव खेस ने 30 अंतरराष्ट्रीय मैचों में पांच गोल किये हैं. दोनों से टीम और प्रशंसकों को काफी उम्मीदें हैं. घरेलू मैदान पर इनके शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है. इसके अलावा अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और मनदीप सिंह पर सफलता का दारोमदार होगा. फॉरवर्ड आकाशदीप सिंह पर भी सभी की नजरें होंगी.

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