होली से ही बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है. होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है और लोग एक-दूसरे को रंग-अबीर लगाते हैं. इस साल होलिका दहन 17 मार्च को किया जाएगा.
पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. भद्राकाल 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा और देर रात 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. भद्रा के समय होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा. ऐसे में रात 12 बजकर 57 मिनट के बाद ही होलिका दहन संभव हो सकेगा. हिंदू शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ माना गया है. ऐसी मान्यता है कि भद्राकाल में किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता और उसके अशुभ परिणाम मिलते हैं. इस हिसाब से पंचांग देखें तो होली 19 मार्च (when is Holi in 2022) को मनाई जानी चाहिए.
होलिका दहन मुहूर्त – 09:06 शाम से 10:16 शाम
अवधि – 01 घण्टा 10 मिनट्स
रंगवाली होली शुक्रवार, मार्च 18, 2022 को
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 17, 2022 को 01:29 शाम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 18, 2022 को 12:47 शाम बजे
होलिका दहन हिन्दु मध्य रात्रि के बाद
वैकल्पिक मुहूर्त- हिन्दु मध्य रात्रि के बाद – 01:12 सुबह से 06:28 सुबह, मार्च 18
अवधि – 05 घण्टे 16 मिनट्स
एक लोटा जल, गाय के गोबर से बनी माला, अक्षत, गन्ध, पुष्प, माला, रोली, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, गेंहू की बालियां.
इस बार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च से शुरू होकर 18 मार्च की दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. इसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू होगी. प्रतिपदा तिथि 19 मार्च को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. कुछ लोग रंग वाली होली के लिए 18 मार्च का दिन शुभ मान रहे हैं. वहीं कुछ लोग उदया तिथि के हिसाब से 19 मार्च को रंग वाली होली खेलेंगे. कुछ जगहों पर 18 और 19 दोनों को रंग वाली होली खेली जाएगी.