Holashtak 2024: सनातन धर्म में होलाष्टक का विशेष महत्व है. होली से पहले के 8 दिनों को होलाष्टक कहते हैं. होलाष्टक के 8 दिनों को अशुभ माना जाता है. होली से आठ दिन पूर्व होलाष्टक शुरू हो जाता है. इसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, विदाई आदि नहीं करते हैं, न ही कोई नया कार्य प्रारंभ करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. होलाष्टक का प्रारंभ फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है और यह फाल्गुन पूर्णिमा यानि होलिका दहन तक रहता है.
होलाष्टक के दौरान सभी ग्रह उग्र स्वभाव में रहते हैं, जिसके कारण शुभ कार्यों का अच्छा फल नहीं मिल पाता है. होलाष्टक के दिनों में वातावरण में नकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अष्टमी तिथि को चन्द्रमा,नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध,चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र अवस्था में रहते हैं.
होलाष्टक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 17 मार्च 2024 से शुरू होंगे और फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च 2024 पर समाप्त होगी, इस दिन होलिका दहन होगा और 25 मार्च 2024 को रंग-गुलाल की होली खेली जाएगी.
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होलाष्टक प्रारंभ: 17 मार्च 2024 दिन रविवार
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होलाष्टक समाप्त : 24 मार्च 2024 दिन रविवार
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होलिका दहन : 24 मार्च दिन रविवार की रात्रि 11 बजकर 13 मिनट से रात्रि 12 बजकर 27 मिनट
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अवधि : 01 घंटा 14 मिनट
होलाष्टक के समय में नौकरी परिवर्तन नहीं करना चाहिए. होलाष्टक के दौरान कोई भी यज्ञ, हवन आदि कार्यक्रम नहीं करना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलाष्टक में वातावरण में नकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है. अगर कोई व्यक्ति होलाष्टक के दौरान कोई मांगलिक काम करता है तो उसे कई तरह की परेशानियां आती है, या फिर वह अधूरा रह जाता है. इसलिए होलाष्टक के बाद इन कार्यों को करें, इससे सकारात्मक उर्जा आपके साथ रहेगी और आप सफलता हासिल कर सकेंगे, इसलिए ऐसी मान्यता है कि कुछ दिन रूककर और होलाष्टक खत्म होने के बाद ही इन कार्यों में हाथ लगाएं.