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Holi 2022: इस दिन जलाई जाएगी होलिका, जानें तारीख व मुहूर्त

Holi 2022 Date And Holika Dahan Shubh Muhurat:17 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का योग दोपहर तकरीबन 1.30 से रात 1 बजे तक रहेगा. इस कारण शाम में गोधूलि बेला के समय भद्रा का प्रभाव होने से होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा.

Holi 2022 Date And Holika Dahan Shubh Muhurat होलिका दहन, होली त्यौहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है. होली बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है.

होलिका दहन 2022 शुभ मुहूर्त और तिथि ( Holi 2022 Date And Holika Dahan Shubh Muhurat)

होलिका दहन तिथि – 17 मार्च 2022

होलिका दहन शुभ मुहूर्त- 17 मार्च को रात 9 बजकर 20 मिनट से रात 10 बजकर 31 मिनट तक

होलिका दहन की अवधि- करीब एक घंटा और 10 मिनट

होली – 18 मार्च 2022

होलिका दहन विधि (Holika Dahan Vidhi)

होलिका दहन का तैयारी कई दिनों पहले से होने लगती हैं. होलिका दहन वाले स्थान पर लकड़ियां, उपले और अन्य जलाने वाली चीजों को एकत्रित किया जाता है. इसके बाद होलिका दहन के शुभ मुहूर्त पर विधिवत रूप से पूजन करते हुए होलिका में आग लगाई जाती है. फिर होलिका की परिक्रमा करते हुए पूजा सामग्री को होलिका में डाला जाता है.

प्रसंग के अनुसार

दानवराज हिरण्यकश्यप ने जब देखा की उसका पुत्र प्रह्लाद सिवाय विष्णु भगवान के किसी अन्य को नहीं पूजन नही करता तो वह क्रुद्ध हो उठा और अंततः उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया की वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए; क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि नुक़सान नहीं पहुँचा सकती. किन्तु हुआ इसके ठीक विपरीत होलिका जलकर भस्म हो गयी और भक्त प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ. इसी घटना की याद में इस दिन होलिका दहन करने का विधान है. होली का पर्व संदेश देता है कि इसी प्रकार ईश्वर अपने अनन्य भक्तों की रक्षा के लिए सदा उपस्थित रहते हैं.

रात 1 बजे तक रहेगी भद्रा

17 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का योग दोपहर तकरीबन 1.30 से रात 1 बजे तक रहेगा. इस कारण शाम में गोधूलि बेला के समय भद्रा का प्रभाव होने से होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा. इसलिए अगले दिन सुबह तक पूर्णिमा तिथि होने से रात मध्य रात्रि के बाद यानी रात 1 बजे के बाद होली जलाने का मुहूर्त रहेगा.

धुरेड़ी 18 मार्च को

काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के मुताबिक फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर करीब 1.20 पर शुरू होगी और अगले दिन दोपहर लगभग 12:40 तक रहेगी. 18 तारीख को उदयकालिन तिथि फाल्गुन पूर्णिमा ही रहेगी. इसी तिथि में होली खेली जाएगी. स्नान-दान और पूजा-पाठ के लिए भी ये ही दिन शुभ रहेगा. इसलिए संत, संन्यासी और अन्य श्रद्धालु शुक्रवार को ही सुबह तीर्थ स्नान भी करेंगे.

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847


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