मानदेय घोटाला मामला : सिंफर के पूर्व निदेशक व मुख्य वैज्ञानिक की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक लगी रोक
सिंफर में मानदेय घोटाला मामला में धनबाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत में जमानत पर सुनवाई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सिंफर के पूर्व निदेशक व मुख्य वैज्ञानिक की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.
Dhanbad News: सिंफर में हुए 139 करोड़, 79 लाख, 97 हजार, 871 रुपये के मानदेय घोटाले में सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पीके सिंह एवं चीफ साइंटिस्ट सह हेड ऑफ रिसर्च ग्रुप डॉ एके सिंह को शनिवार को अदालत से राहत मिली. धनबाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों की गिरफ्तारी पर 26 अगस्त 2023 तक के लिए रोक लगा दी है. इसके पूर्व 22 जुलाई को अदालत ने दोनों की गिरफ्तारी पर शनिवार तक के लिए रोक लगायी थी. इसके अलावा दोनों की ओर से दायर बैंक खातों को डी फ्रिज करने की अर्जी पर भी सुनवाई 26 अगस्त तक टल गयी है.
सुनवाई के दौरान सीबीआई के वरीय अभियोजक चंदन सिंह ने दोनों की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अभी जांच प्रारंभिक दौर में है. अभी जब्त किये गये सभी दस्तावेजों की जांच चल रही है. इसका विरोध करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता रूपेश सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ अभिलेख पर कोई ऐसा साक्ष्य नहीं है कि उन्होंने गलत तरीके से पैसा अर्जित किया या उसका भुगतान किया. सुनवाई के दौरान मामले के अनुसंधानकर्ता एएन ठाकुर भी अदालत में मौजूद थे. सीबीआई ने कहा कि वह जमानत अर्जी पर लिखित जवाब दाखिल करेंगे.
विपक्ष को सुनने के बाद अदालत ने दोनों की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इसके अलावा सीबीआइ को केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. सनद रहे सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधी शाखा, धनबाद ने 25 जून 2023 को सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पीके सिंह और चीफ साइंटिस्ट सह हेड ऑफ रिसर्च ग्रुप डॉक्टर एके सिंह के खिलाफ 140 करोड़ रुपये के ऑनरेरियम घोटाले की प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी के बाद सीबीआई द्वारा डॉ पीके सिंह के 12 और डॉ एके सिंह के पांच बैंक खातों के ऑपरेशन पर रोक लगाते हुए बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था.