कोल्हान के पहले हॉर्टिकल्चर कॉलेज में अगले सत्र से होगी पढ़ाई, 40 सीटों पर होगा नामांकन, ये भी होंगी सुविधाएं
Jharkhand News, सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां व पश्चिमी सिंहभूम जिले के खुंटपानी सीमा कोंतला गांव के पास अगले तीन से चार माह के भीतर कोल्हान का पहला हॉर्टिकल्चर कॉलेज (उद्यान महाविद्यालय) बन कर तैयार हो जायेगा. अगले सत्र में इसी कैंपस में पढ़ाई शुरू होगी.
Jharkhand News, सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां व पश्चिमी सिंहभूम जिले के खुंटपानी सीमा कोंतला गांव के पास अगले तीन से चार माह के भीतर कोल्हान का पहला हॉर्टिकल्चर कॉलेज (उद्यान महाविद्यालय) बन कर तैयार हो जायेगा. अगले सत्र में इसी कैंपस में पढ़ाई शुरू होगी.
कोंतला गांव में हॉटिकल्चर कॉलेज का अपना भवन पूर्ण नहीं रहने के कारण फिलहाल यह कॉलेज रांची में संचालित हो रही है. अब तक कॉलेज में तीसरे बैच का नामांकन होने के साथ साथ पढ़ाई भी हो रही है. प्रत्येक बैच में 40-40 छात्रों का नामांकन हुआ है. खुंटपानी व खरसावां के सीमा पर स्थित कोंतला गांव में बन रहे हॉटिकल्चर कॉलेज के नये कैंपस में कॉलेज सिफ्ट होने के बाद यहां एक साथ चार बैच की पढ़ाई शुरु हो जायेगी. मालूम हो कि खुंटपानी का हॉटिकल्चर कॉलेज बिरसा कृषि विश्व विद्यालय, रांची के अधिन संचालित हो रही है.
Also Read: हरिहर धाम मंदिर में भी शिव को जलाभिषेक नहीं कर पा रहे श्रद्धालु, सावन में घरों में पूजा करने की अपील
हॉर्टिकल्चर कॉलेज का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. 9.84 करोड़ की लागत से यहां तीन मंजीला कॉलेज भवन के साथ साथ प्रशासनिक भवन व एकेडमिक भवन, एक सौ बेड का ब्वायज हॉस्टल, 24 बेड का गर्ल्स हॉस्टल, आठ यूनिट का एसिसटेंट प्रोफेसर क्वार्टर, 20 यूनिट का कर्मी क्वार्टर, बाउंड्री आदि का निर्माण कार्य चल रहा है. कॉलेज परिसर में जाने वाली कच्ची होने के कारण बारिश के इस मौसम में बड़े वाहनों से मटेरियल पहुंचाने में परेशानी हो रही है. इस कारण बारिश के इस मौसम में निर्माण कार्य धीमी गति से चल रही है. बिरसा कृषि विश्व विद्यालय की ओर से भवनों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा कर हैडऑवर करने का निर्देश दिया गया है.
खुंटपानी-खरसावां सीमा पर कोंतला गांव में वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने उद्यान महाविद्यालय का शिलान्यास किया था. यह कोल्हान का पहला उद्यान महाविद्यालय है. कॉलेज का पूरा कैंपस खरसावां अंचल के 51 व खुंटपानी अंचल के 12 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. इस कॉलेज के शुरु होने से न सिर्फ कोल्हान बल्कि पूरे राज्य के छात्रों को लाभ पहुंचेगा.
Also Read: झारखंड के गढ़वा में अपराधियों का तांडव, सड़क निर्माण करा रही कंपनी की गाड़ियों को फूंका
सरायकेला-खरसावां जिले में हार्टिकल्चर के क्षेत्र में काफी संभावनायें हैं. हार्टिकल्चर के क्षेत्र में फल, फूल व सब्जियां मुख्य रुप से आती हैं. जिले में बड़े पैमाने पर अलग अलग किस्मों के सब्जी की खेती होती है. जिला के चांडिल के कुछ हिस्सों में फूल की भी खेती होती है. जानकार बताते हैं कि सरायकेला-खरसावां जिला में फूल की खेती की बेहतर सभावनायें है. इसके जरीये बडी संख्या में लोगों को स्वरोजगार से जोडा जा सकता है. भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005-06 से नेशनल हार्टिकल्चर मिशन की शुरुआत की है. इस मिशन के तहत फूल व सब्जी की खेती को बढ़ावा देने समेत कई योजनायें शामिल हैं.
Also Read: झारखंड में फर्जी IAS बन कर रह रही थी MP की मोनिका, राज खुला, तो पहुंची हवालात
कृषि विभाग के संयुक्त सचिव सह बिरसा कृषि विश्व विद्यालय रांची के निदेशक (प्रशासन) राकेश रौशन कहते हैं कि कॉलेज कैंपस का निरीक्षण कर निर्माण कार्य के प्रगति का जायजा लिया. कॉलेज में प्रशासनिक भवन व एकेडमिक भवन, छात्रावास व क्वाटर का निर्माण कराया जा रहा है. जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश जारी किया गया है. उम्मीद है कि तीन से चार माह में कॉलेज भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा. इसके पश्चात हॉटिकल्चर कॉलेज के नये भवन में कॉलेज को सिफ्ट किया जायेगा. फीलहाल यह कॉलेज रांची में संचालित हो रही है.
Also Read: सावन आज से शुरू, कल पहली सोमवारी को पहाड़ी बाबा का होगा विशेष श्रृंगार, करें ऑनलाइन दर्शन
Posted By : Guru Swarup Mishra