धनबाद में बिना फायर लाइसेंस के चल रहे 350 से ज्यादा अस्पताल, हाजरा क्लिनिक में भी नहीं थी अग्निशमन की व्यवस्था
धनबाद में 350 से ज्यादा निजी अस्पताल व नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं. यह आंकड़ा जिला अग्निशमन विभाग द्वारा जारी किया गया है. 400 से ज्यादा निबंधित अस्पताल व निजी क्लीनिक हैं, जिनमें केवल 45 से 50 के संचालकों ने फायर लाइसेंस के लिए एनओसी लिया है
Dhanbad News: बिना फायर लाइसेंस के जिले में 350 से ज्यादा निजी अस्पताल व नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं. यह आंकड़ा जिला अग्निशमन विभाग द्वारा जारी किया गया है. अग्निशमन विभाग के प्रभारी लक्ष्मण यादव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार धनबाद जिले में 400 से ज्यादा निबंधित अस्पताल व निजी क्लीनिक हैं, जिनमें केवल 45 से 50 के संचालकों ने अग्निशमन विभाग से फायर लाइसेंस के लिए एनओसी लिया है. श्री यादव के अनुसार आरसी हाजरा मेमोरियल हॉस्पीटल में भी अग्निशमन की नहीं थी पुख्ता व्यवस्था.
बिन अग्निरोधक यंत्र के लाइसेंस निर्गत नहीं कर सकता स्वास्थ्य विभाग
अग्निशमन विभाग के प्रभारी लक्ष्मण यादव ने बताया कि बिना अग्निरोधक यंत्र के स्वास्थ्य विभाग किसी भी अस्पताल या निजी क्लीनिक को संचालन का लाइसेंस निर्गत नहीं कर सकता. फायर लाइसेंस के लिए एनओसी मिलने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग अस्पताल व निजी क्लीनिक संचालन की अनुमति प्रदान करता है. नियमानुसार अस्पताल व निजी नर्सिंग होम में मरीज सहित दूसरों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से फायर फाइटिंग की पूरी व्यवस्था संचालक को करनी है.
सभी नर्सिंग होम, अस्पताल का होगा सेफ्टी ऑडिट : डीसी
धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा है कि सभी नर्सिंग होम, अस्पताल का सेफ्टी ऑडिट होगा. उन्होंने शनिवार को सिविल सर्जन को कहा कि सभी नर्सिंग होम एवं अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्था की जांच करें. इसमें अग्निशमन विभाग से भी सहयोग लेने को कहा गया है. जिनके पास अग्निशमन का एनओसी नहीं है. उन्हें एक माह के अंदर एनओसी लेने के लिए कहें. इसके बाद भी अगर अग्निशमन की व्यवस्था नहीं होती है तो संबंधित नर्सिंग होम एवं अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.
मित्र व स्टॉफ चाय कॉफी पिला रहे थे
घटना स्थल पर हर आंखें नम थीं. दोस्त व अस्पताल के स्टाफ चाय काफी के साथ कुछ स्नैक्स की व्यवस्था कर पारिवारिक सदस्यों को जबरन पिला खिला रहे थे. बहनें कुछ भी लेने से इंकार कर रही थीं. बहन मीता ने बताया कि डॉ विकास हार्ट पेशेंट थे.
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