झारखंड के होटल व लॉज में रहकर अपराध को नहीं दे सकेंगे अंजाम, हर जानकारी सीधे पहुंचेगी पुलिस के पास
जिला पुलिस बेवसाइट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. सभी थाना प्रभारी को उनके अधीनस्थ क्षेत्र में पड़ने वाले होटल व लॉज का डाटा इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है. जिला पुलिस द्वारा क्यूआर कोड के माध्यम से पहले थाना की गश्ती टीम पर नजर रखने की तैयारी की जा रही है
पूर्वी सिंहभूम जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के होटल व लॉज में ठहरने वालों की तत्काल सूचना अब पुलिस को मिल जायेगी. ठहरने वालों का पूरा ब्योरा पुलिस के पास उपलब्ध होगा. इसके लिए जिला पुलिस एक बेवसाइट की शुरुआत कर रही है, जिसे सभी होटल व लॉज से जोड़ा जायेगा. होटल पहुंचने वाले लोगों का पूरा ब्योरा तत्काल स्थानीय थाना को उक्त बेवसाइट में देना होगा. ताकि किसी तरह का संदेह होने पर तत्काल इसकी जांच करायी जा सके.
संदिग्ध होने पर पुलिस तुरंत एक्शन में आ जायेगी. जिला पुलिस बेवसाइट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. सभी थाना प्रभारी को उनके अधीनस्थ क्षेत्र में पड़ने वाले होटल व लॉज का डाटा इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है. वर्तमान में सभी होटल द्वारा स्थानीय थाना व एसएसपी कार्यालय में सप्ताह या मासिक ब्योरा लिखित रूप से दिया जाता है, जिसमें काफी समय लगता है.
किसी संदिग्ध के होटल में ठहरने की जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाती है. अपराध रोकने के दृष्टिकोण के अलावा कागजी प्रक्रिया को खत्म करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है. उक्त बेवसाइट का लिंक थाना प्रभारी और थाना से जुड़ा होगा. गुमला के कुणाल कुमार की अगुवाई में टीम काम कर रही है.
होटल में रहकर वारदात को अंजाम देते हैं अपराधी
जिला पुलिस द्वारा क्यूआर कोड के माध्यम से पहले थाना की गश्ती टीम पर नजर रखने की तैयारी की जा रही है. थाना की गश्ती के बाद अब पुलिस होटल व लॉज पर नजर रखने की तैयारी है. कई अपराधी होटल व लॉज में रहकर शहर में अपराध (हत्या, लूट, डकैती, छिनतई, चोरी जैसे संगीन अपराध) को अंजाम देते हैं. इसके बाद अपराधी पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाते हैं. पुलिस को जब तक इसकी भनक लगती है, अपराधी होटल व लॉज छोड़कर शहर से बाहर जा चुके हैं.